नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को खिलाफ किसान (Farmer) आज से भूख हड़ताल (Hunger strike) करेंगे। किसान सभी आंदोलन वाली जगहों पर 11-11 की संख्या में उपवास पर बैठेंगे, जो बुधवार 23 दिसंबर तक चलेगा। रविवार को सिंघु बार्डर पर आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने दी।
ज्ञात हो कि पिछले 25 दिनों से पंजाब हरियाणा के किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली हरियाणा के सिंघु और टिकरी बार्डर पर बैठे हुए हैं। वह केंद्र से तीनों कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसान बैठे हुए है।
केंद्र सरकार ने भेजा बातचीत का न्यौता
किसानों द्वारा भूख हड़ताल के ऐलान करने के बाद केंद्र सरकार ने किसानों को बातचीत करने का न्यौता भेजा है। कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल (Vivek Agrawal) ने 40 किसान संगठनों को पत्र लिख कर बातचीत करने की अगली तारीख बताने का आग्रह किया है।
किसानों की याद में एक समय का भोजन करे
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, “जब तक बिल वापिस नहीं होगा, MSP पर क़ानून नहीं बनेगा तब तक किसान यहां से नहीं जाएंगे। 23 तारीख को किसान दिवस के मौके पर किसान आप से कह रहे हैं कि एक समय का भोजन ग्रहण न करें और किसान आंदोलन को याद करें।”
थाली बजाकर प्रधानमंत्री का करेंगे विरोध
भारतीय किसान यूनियन के जगजीत सिंह दलेवाला ने कहा, “27 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी की मन की बात के दौरान। हम सभी से अपील करेंगे कि जब तक वह कार्यक्रम के दौरान बोलेंगे, तब तक उनके घरों पर ‘थली’ को हराया जाए।” उन्होंने कहा, “हमने तय किया है कि आने वाले 23 और 27 दिसंबर को हरियाणा के सभी टोल प्लाजा को मुफ्त करेंगे।”