गृह मंत्री अमित शाह भारत-पाक बॉर्डर के पास उस 'तनोट माता' के मंदिर पहुंचे जहां PAK ने फेंके थे सैकड़ो बम, लेकिन फिर भी नहीं फटा
Photo - Twitter

    Loading

    राजस्थान : गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार सुबह राजस्थान (Rajasthan) के सीमावर्ती जैसलमेर (Jaisalmer) जिले में तनोट माता मंदिर (Tanot Mata Temple) में पूजा-अर्चना की। उन्होंने तनोट मंदिर परिसर में पर्यटन विकास कार्य की आधारशिला भी रखी। शुक्रवार शाम जैसलमेर पहुंचे शाह शनिवार सुबह हेलीकॉप्टर से तनोट पहुंचे, जहां उन्होंने मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की। उन्होंने मंदिर परिसर में शिलान्यास समारोह में भाग लिया और पर्यटन विकास कार्य की आधारशिला रखी। 

    इससे पहले उन्होंने तनोट स्थित विजय स्तंभ पर पुष्पांजलि अर्पित की। केंद्र द्वारा वित्तपोषित इस परियोजना के तहत पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित की जाएगी और इसका उद्देश्य सीमा पर्यटन को बढ़ावा देना है। 1965 और 1971 के युद्ध से जुड़ी शौर्य गाथाओं के लिए प्रसिद्ध, भारत-पाक सीमा के करीब स्थित तनोट माता मंदिर का प्रबंधन सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा किया जाता है। यह मंदिर जैसलमेर से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भारत-पाकिस्तान के 1965 के युद्ध में, पाकिस्तानी सेना ने मंदिर को निशाना बनाते हुए कई बम गिराए थे, लेकिन एक भी नहीं फटा था। 

    ये बम मंदिर में रखे हुए हैं। 1971 की लड़ाई में भी, लोंगेवाला युद्ध के दौरान पाकिस्तानी टैंक मंदिर के पास रेत में फंस गए थे और भारतीय वायु सेना ने उन पर बमबारी कर उन्‍हें तबाह कर दिया था। शाह का दोपहर में जोधपुर पहुंचने का कार्यक्रम है, जहां वह आज यानी शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय स्तर की बैठक के समापन सत्र को संबोधित करेंगे। जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृहनगर है जो ओबीसी श्रेणी से भी आते हैं। जोधपुर में पार्टी पदाधिकारियों ने बताया कि शाह का वहां पहुंचने पर भव्य स्वागत किया जाएगा और मोटरसाइकिल पर सवार भगवा पगड़ी पहने 1500 से अधिक पार्टी कार्यकर्ता उन्हें रैली के रूप में हवाई अड्डे से सभा स्थल तक ले जाएंगे।

    भाजपा के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण, केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव और भाजपा की राजस्थान इकाई के प्रमुख सतीश पूनिया ने शुक्रवार सुबह दो दिवसीय कार्यसमिति की बैठक का उद्घाटन किया। ओबीसी मोर्चा की बैठक के तुरंत बाद शाह जोधपुर के दशहरा मैदान में भाजपा के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। पार्टी बैठक के लिए पूरे संभाग से अपने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को जुटा रही है। भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक ऐतिहासिक रहेगी।’ जोधपुर में भाजपा के ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक का उद्देश्य 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में पार्टी के ओबीसी वोट बैंक को मजबूत करना है। 

    मारवाड़ के नाम से विख्यात जोधपुर इलाका, राजस्थान का सबसे बड़ा संभाग है जिसमें छह जिले जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर, सिरोही, पाली शामिल हैं। कुल 200 विधानसभा क्षेत्रों में से 33 विधानसभा क्षेत्र जोधपुर संभाग में हैं, जिनमें से 10 अकेले जोधपुर जिले में हैं, और उनमें से 14 वर्तमान में भाजपा के पास, 17 कांग्रेस के पास, एक निर्दलीय और एक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के पास है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव अगले साल के अंत में होने हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनियां ने कहा, ‘ओबीसी विशाल समुदाय है। यह भाजपा की विचारधारा के साथ है। यह पहली बार है कि भाजपा शासन में हमारे पास इस समुदाय के 27 (केंद्रीय) मंत्री हैं। साथ ही नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा ओबीसी आयोग को संवैधानिक मान्यता दी गई है।’ (एजेंसी)