नई दिल्ली: जहां एक तरफ केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख (Laddakh) का कारगिल शहर इन दिनों भयंकर ठंड से जूझ रहा है। वहीं इस हाड़ कंपाने वाले मौसममें भी देश के प्रहरी सजग हैं। दरअसल भारत की सुरक्षा के लिए ये इलाका बेहद अहम माना है। इस बाबत इंडियन एयर फ़ोर्स और थल सेना दोनों ही यहां अपनी मौजूदगी को हमेशा बढ़ाती रहती है। अब हाल ही में भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने कारगिल पर एक बड़ा और शानदार कारनाम कर दिखाया है। वायुसेना ने यहां पर रात के समय कारगिल एयरस्ट्रिप पर C-130J सुपर हर्क्यूलस विमान (C-130J Super Hercules) को लैंड करवाया है। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल है।
इस बाबत आज भारतीय वायुसेना ने बाकायदा ट्वीट कर कहा कि, “पहली बार वायुसेना के C-130J एयरक्राफ्ट ने कारगिल एयरस्ट्रिप पर रात के समय अपनी लैंडिंग की है। इस अभ्यास के दौरान टेरेन मास्किंग का काम करते हुए गरुड़ कमांडो को भी तैनात किया गया था।” बता दें कि टेरेन मास्किंग दरअसल एक सैन्य रणनीति है, जिसका इस्तेमाल दुश्मन के रडार से बचने के लिए पहाड़ों, पहाड़ियों, जंगलों जैसे प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। इसका मकसद दुश्मन से छिपकर अपने अभियान को अंजाम देना भी है।
रात के समय लैंडिंग क्यों है चुनौतीपूर्ण?
दरअसल कारगिल के टेरेन देखें तो यह चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है। ऐसे में यहां पर लैंडिंग करना काफी चुनौतीपूर्ण है। वहीं ठण्ड और सर्दियों के समय होने वाली बर्फबारी तो लैंडिंग को और भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण और मुश्किल बना देती है। उस पर रात के समय बर्फबारी के बीच विमान को एयरस्ट्रिप पर लैंड करना बेहद मुश्किल काम है। ऐसे में रात के अंधेरे में विमानों को लैंडिंग के दौरान न सिर्फ पहाड़ों से बचना होता है, बल्कि इस बाबत सिर्फ नेविगेशन का ही सहारा रहता है।
जानें C-130J सुपर हर्क्यूलस विमान की खासियतें
जानकारी दें कि C-130J सुपर हर्क्यूलस विमान को उड़ाने के लिए कम से कम तीन क्रू मेंबर्स की आवश्यकता है, जिसमें दो पायलट और एक इसका लोडमास्टर होता है। इस विमान में 19 टन सामान को लोड कर एक जगह से दूसरी जगह बड़ी ही आराम से ले जाया जा सकता है। यह ख़ास तौर पर चार रोल्स-रॉयस AE 2100D3 टर्बोप्रॉप इंजन के जरिए चलता है। अब इसकी रफ्तार को देखें तो, ये विमान एक घंटे में 644 कि।मी का सफर बड़ी ही आसानी से तय कर सकता है। खास तौर पर यह बिना तैयार रनवे से छोटी उड़ान भरने और लैंडिंग में भी सक्षम होता है।इसे लैंड करने के लिए 914 मीटर लंबे रनवे की जरूरत होती है। इसका रेंज 4000 किलोमीटर है।इसकी अधिकतम स्पीड 659 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
#WATCH | “In a first, an IAF C-130 J aircraft recently carried out a night landing at the Kargil airstrip. Employing terrain masking enroute, the exercise also dovetailed a training mission of the Garuds,” tweets Indian Air Force.
(Video: Indian Air Force) pic.twitter.com/JHVQ7p6Vxu
— ANI (@ANI) January 7, 2024
हालाँकि जंग के दौरान हर्क्यूलस विमान का इस्तेमाल वायुसेना सैनिकों और सैन्य साजो सामान को मोर्चे तक पहुंचाने में करती है। आसमान से जंग के मैदान में पैराट्रूपर्स को उतारने के लिए भी इस विमान का इस्तेमाल होता है। इस विमान में आम विमान की तरह आरामदायक सीट नहीं होते। । इसके केबिन के ठीक पीछे स्थित बेंचनुमा सीट पर बैठकर प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2021 में दिल्ली से सुल्तानपुर तक की यात्रा की थी।