नई दिल्ली: हैदराबाद के एक व्यक्ति के मौत के बाद भारत सरकार ने रूस में काम करने के लिए ठगे गए भारतीय नागरिकों के मामले को सख्ती से उठाया है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कई भारतीय नागरिकों को रूसी सेना के साथ काम करने के लिए धोखा दिया गया है। हमने ऐसे भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई के लिए रूसी सरकार के साथ दृढ़ता से मामला उठाया है। झूठे बहाने और वादे पर भर्ती करने वाले एजेंटों और बेईमान तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की गई है।
मानव तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, भारतीय नागरिकों को रूसी सेना के साथ काम करने के लिए धोखा दिया गया है। हमने ऐसे भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई के लिए रूसी सरकार के साथ दृढ़ता से मामला उठाया है। झूठे बहाने और वादे पर भर्ती करने वाले एजेंटों और बेईमान तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की गई है। सीबीआई ने कल कई शहरों में तलाशी लेकर और आपत्तिजनक सबूत इकट्ठा करते हुए एक बड़े मानव तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया।
VIDEO | "Several Indian nationals have been duped to work with the Russian army. We have strongly taken up the matter with the Russian government for early discharge of such Indian nationals. Strong action has been initiated against agents and unscrupulous elements who recruited… pic.twitter.com/g5dSD8Fcak
— Press Trust of India (@PTI_News) March 8, 2024
मानव तस्करी का मामला दर्ज
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा, “कई एजेंटों के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज किया गया है। हम एक बार फिर भारतीय नागरिकों से अपील करते हैं कि वे रूसी सेना में सहायक नौकरियों के लिए एजेंटों द्वारा दिए गए प्रस्तावों से प्रभावित न हों। यह जीवन के लिए खतरे और जोखिम से भरा है। हम रूसी सेना में सहायक स्टाफ के रूप में काम कर रहे अपने नागरिकों की शीघ्र रिहाई और फिर अंततः घर वापसी के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
20 लोगों ने किया संपर्क
विदेश मंत्रालय ने कहा, “लगभग 20 लोगों ने हमसे संपर्क किया है और हम उनका पता लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हम रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं…” प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, ”हमारे पास विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान अफगानिस्तान ईरान के संयुक्त सचिव के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल है। यह प्रतिनिधिमंडल अफगानिस्तान के दौरे पर है। जैसा कि आप जानते हैं भारत ने जून 2022 में काबुल में अपना तकनीकी मिशन खोला था, और तब से, मिशन हमारे चल रहे मानवीय सहायता प्रयासों को सुविधाजनक और समन्वयित कर रहा है। यात्रा के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने अफगान अधिकारियों के वरिष्ठ सदस्यों के साथ बैठकें कीं।”
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन के अधिकारियों और अफगान व्यापार समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात की। उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों को भारत की मानवीय सहायता पर चर्चा की और अफगान व्यापारियों द्वारा चाबहार बंदरगाह के उपयोग पर भी चर्चा की। अफगान लोगों के साथ भारत के ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध हैं और ये लंबे समय से चले आ रहे संबंध हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करते रहेंगे।”