जेएनयू हिंसा मुंबई: शिवसेना ने दिया फडणवीस को जवाब,लड़की ने भी दी सफाई

मुंबई, जेएनयू हिंसा के चलते महाराष्ट्र में सियासी दांव-पेंच चरम पर है। आपको बता दें मुंबई में इसके चलते राजनीतिक भूचाल अपने चरम पर है। लेकिन इन सबके बीच कल गेटवे ऑफ इंडिया में रात को प्रदर्शन के

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मुंबई, जेएनयू हिंसा के चलते महाराष्ट्र में सियासी दांव-पेंच चरम पर है। आपको बता दें मुंबई में इसके चलते राजनीतिक भूचाल अपने चरम पर है। लेकिन इन सबके बीच कल गेटवे ऑफ इंडिया में रात को प्रदर्शन के दौरान एक पोस्टर ने ध्यान अपनी और खिंचा था जिसमे बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था ‘FREE KASHMIR’ जिसको अपना चुनावी मुद्दा बनाते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने इस तस्वीर पर ट्वीट करते हुए उद्धव ठाकरेसे पूछा था कि क्या उन्हें फ्री कश्मीर भारत विरोधी ये अभियान बर्दाश्त है? जिसके जवाब में संजय राउत ने कहा है कि चाहे कोई भी हो अगर कोई भारत से कश्मीर की आजादी की बात करता है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

विदित ही कि कल गेटवे ऑफ इंडिया में रात को प्रदर्शन के दौरान एक पोस्टर ने ध्यान अपनी और खेंचा है जिसमे बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था ‘FREE KASHMIR’ . इसके पोस्टर के चलते से ना सिर्फ लोगों के अपितु राजनीतिक गलियारों में भी आलोचना हो रही है। वहीं महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट करते हुए लिखा यह ‘यह किस बात का प्रदर्शन है? फ्री कश्मीर के नारे क्यों लगाए जा रहे हैं? हम मुंबई में इस तरह के अलगाववादी तत्वों को कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं?’ वहीं संजय निरूपण ने भी ट्वीट किया और कहा ‘ऐसे पोस्टर देश भर में चल रहे छात्र आंदोलन को बदनाम कर सकते हैं। आंदोलन गुमराह हो सकता है। आंदोलनकारियों को सावधानी बरतनी पड़ेगी। #JNUVoilence का कश्मीर की आज़ादी से क्या रिश्ता ? कौन हैं ये लोग ? किसने गेटवे पर भेजा इन्हें ? बेहतर होगा,सरकार इसकी सघनता से जांच कराए।’

खबर ये भी है कि बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा है कि गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के दौरान ‘फ्री कश्मीर’ वाले पोस्टर को लेकर उन्होंने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। वहीं पुलिस ने भी उन्हें भरोसा दिलाया है कि मामले की जरूर जांच कराई जाएगी।

हालाँकि बाद में उक्त पोस्टर का प्रदर्शन करने वाली छात्रा का वीडियो आया जिसमे उसने स्पष्ट किया कि "मैं कश्मीरी नहीं हूं। मैं महाराष्ट्रियन ही हूं। मैंने इस पोस्टर को इसलिए उठाया क्यूँकि हम संवैधानिक हक की लड़ाई भी लड़ रहे हैं। अगर हम कहते हैं कि कश्मीरी हमारे अपने हैं, तो हमें उन्हें अपने जैसा समान आदरभाव भी देना होगा । हम जानते हैं कि कश्मीर में 5 महीने से इंटरनेट बंद है। क्या वहां के लोगों को इसका हक नहीं है। सिर्फ इसी मकसद से मैंने उस मुद्दे को उठाया कि उन्हें उनका हक मिलना चाहिए।"

उधर शिवसेना के कद्दावर राउत ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि ‘मैंने अखबार में पढ़ा कि ‘मुक्त कश्मीर’ का पोस्टर दिखानेवाले छात्रों ने सफाई दी है कि वे इंटरनेट सेवाओं, मोबाइल सेवाओं और अन्य मुद्दों पर प्रतिबंध से कश्मीर में मुक्त रहना चाहते हैं। इसके बावजूद अगर कोई भारत से कश्मीर की आजादी की बात करता है तो इसे हर्गिज़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आपको बता दें कि (जेएनयू) में छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमले का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को मंगलवार सुबह गेटवे ऑफ इंडिया से आजाद मैदान ले जाए जाने के बाद प्रदर्शन को खत्म कर दिया है । 

उधर ‘मुक्त कश्मीर’ पोस्टर पर आदित्य ठाकरे का कहना है कि "उस घटना के अलावा बड़ी तस्वीर भी  देखें, हाँ हमें उसका इरादा देखने की ज़रूरत है, क्या यह  कश्मीर में इंटरनेट नाकाबंदी को हटाने के लिए था, वहीं अगर यह भारत से कश्मीर को मुक्त कर रहा था, तो गलत है। जाहिर तौर पर सभी ने इसकी निंदा की,  यहां तक कि अन्य प्रदर्शनकारियों ने भी इसका विरोध  किया है।