Kangana's petition in city civil court dismissed, BMC may take action again

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मुंबई: अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के उस केस को मुंबई (Mumbai) के दिंडोशी सिविल कोर्ट (Dindoshi Civil Court) ने ख़ारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने के बीएमसी (BMC) द्वारा जारी उनके खार स्तिथ घर में कतिथ अवैध निर्माण को लेकर नोटिस जारी किया था। 

बीएमसी से नोटिस मिलने के बाद किया था कोर्ट का रुख

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में बीएमसी से नोटिस मिलने के बाद, कंगना ने दिंडोशी  सिविल कोर्ट का रुख किया था और बीएमसी की कार्रवाई पर कोर्ट से स्टे की मांग की थी। बीएमसी के मुताबिक, खार इलाके में मौजूद जिस बिल्डिंग में कंगना का फ़्लैट है, उसमें नक्शे से इतर काफी बदलाव किए गए हैं। बिल्डिंग के 5वे फ्लोर पर कंगना के तीन फ्लैट हैं। 2018 में जारी नोटिस में बीएमसी ने कहा था कि प्लान के मुताबिक फ्लैट्स में कथित रूप से अवैध निर्माण किया गया है और प्लान में जो फ्लैट का एरिया है उससे ज़्यादा जगह घेरी गई है। 

हालांकि सिविल कोर्ट द्वारा केस डिसमिस किए जाने के बाद कंगना के पास बॉम्बे हाईकोर्ट जाने के विकल्प मौजूद है। दिंडोशी सिविल कोर्ट की तरफ से कंगना कंगना रनौत को 6 हफ्तों का समय दिया गया है। 

कंगना का हुआ था ऑफिस डिमॉलिश

कोर्ट के फैसले के बाद कंगना पर बीएमसी की एक और कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। इससे पहले बीएमसी ने कंगना का बांद्रा के पाली हिल पर मौजूद बंगले में तोड़क कार्रवाई की थी। इस मामले को लेकर कंगना ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख भी किया था और डिमोलिशन को अवैध बताते हुए 2 करोड़ रुपए की मांग की थी। 

बीएमसी कमिश्नर को ह्यूमन राइट्स कमीशन का नोटिस 

महाराष्ट्र ह्यूमन राइट्स कमीशन ने बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल (Iqbal Singh Chahal) को पेश होने के लिए तलब किया है। मानवाधिकार आयोग ने कंगना रनौत की प्रॉपर्टी पर बीएमसी द्वारा तोड़क कार्रवाई करने के मामले में शिकायत के बाद बीएमसी कमिश्नर को नोटिस भेजा है और उन्हे आयोग के सामने पेश होने को कहा गया है।