नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram nath Kovind) और उनके पैतृक गांव ‘परौंख’ की सराहना करते हुए कहा कि ‘‘परौंख की मिट्टी से राष्ट्रपति को जो संस्कार मिले हैं, उसकी साक्षी दुनिया बन रही है।” इस दौरान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर के परौंख गांव में पथरी माता मंदिर में दर्शन किए और पूजा-अर्चना की, वे सार्वजनिक समारोह में शामिल भी हुए। समारोह में यूपी के मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों ही मौजूद थे।
मैं शर्मिंदगी महसूस कर रहा था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परौंख गांव में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘‘मैं शर्मिंदगी महसूस कर रहा था कि उनके मार्गदर्शन में हम काम कर रहे हैं, उनके पद की एक गरिमा है, वरिष्ठता है।” मोदी ने कहा कि मैंने कहा कि ‘‘राष्ट्रपति जी आपने मेरे साथ अन्याय कर दिया तो उन्होंने सहज रूप से कहा कि संविधान की मर्यादाओं का पालन तो मैं करता हूं लेकिन कभी-कभी संस्कार की अपनी ताकत होती है, आज आप मेरे गांव में आए हैं, मैं यहां पर अतिथि का सत्कार करने आया हूं।”उन्होंने कहा, ‘‘अतिथि देवो भव का उत्तम उदाहरण राष्ट्रपति जी ने प्रस्तुत किया है।”
Today I was embarrassed when President came to receive me…We're working under him, there's a sanctity to his post but he told me that he respects Constitution but values matter & added that he had come to welcome me as a villager not as a President: PM Modi in Kanpur Dehat, UP pic.twitter.com/f6exDOhc2i
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 3, 2022
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति जी के साथ विभिन्न स्थानों को देख रहा था तो मैंने परौंख में भारतीय गाँव की कई आदर्श छवियों को महसूस किया। यहाँ सबसे पहले मुझे पथरी माता का आशीर्वाद लेने का अवसर मिला।’
गाँवों के पास सबसे ज्यादा सामर्थ्य है
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘महात्मा गांधी भारत की आज़ादी को भारत के गाँव से जोड़कर देखते थे। भारत का गाँव यानी जहां आध्यात्म भी हो, आदर्श भी हो। भारत का गाँव यानी जहां परम्पराएँ भी हों और प्रगतिशीलता भी हो। भारत का गाँव यानी जहां संस्कार भी हो, सहकार भी हो। जहां ममता भी हो और समता भी हो। हमारे गाँवों के पास सबसे ज्यादा सामर्थ्य है, सबसे ज्यादा श्रम शक्ति है और सबसे ज्यादा समर्पण भी है। इसलिए भारत के गांवों का सशक्तिकरण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
परिवारवाद के शिकंजे में फंसी पार्टियां खुद को इस बीमारी से मुक्त करें
नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं तो चाहता हूं कि परिवारवाद के शिकंजे में फंसी पार्टियां खुद को इस बीमारी से मुक्त करें, खुद अपना इलाज करें। तभी भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा और देश के युवाओं को राजनीति में आने का ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलेगा।
देश में एक मजबूत विपक्ष हो
उन्होंने कहा, ‘मेरी किसी राजनीतिक दल से या किसी व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है। मैं तो चाहता हूं कि देश में एक मजबूत विपक्ष हो, लोकतंत्र को समर्पित राजनीतिक पार्टियां हों।’