S. Jaishankar

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    नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि मेकांग क्षेत्र के महत्व को देखते हुए भारत उसके साथ बहुआयामी जुड़ाव चाहता है। जयशंकर ने 11वीं मेकांग-गंगा सहयोग (एमजीसी) बैठक को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए ‘‘सामूहिक और सहयोगात्मक” कार्रवाई का आह्वान किया और कहा कि यह वायरस राष्ट्रीय सीमाओं तक सीमित नहीं है। 

    सम्पर्क, पर्यटन और संस्कृति सहित कई क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 2000 में छह देशों – भारत, कंबोडिया, म्यांमार, थाईलैंड, लाओस और वियतनाम को शामिल करते हुए एमजीसी पहल शुरू की गई थी। जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत के लिए, मेकांग क्षेत्र का बहुत महत्वपूर्ण है। भारत मेकांग देशों के साथ बहुआयामी जुड़ाव चाहता है। हमें सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान करके अपनी साझेदारी के आधार को व्यापक बनाने की जरूरत है।”

    उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य न केवल भौतिक बल्कि डिजिटल, आर्थिक और लोगों से लोगों के बीच संपर्क सहित व्यापक अर्थ में क्षेत्र में सम्पर्क को बढ़ावा देने का है।” कोरोना वायरस संकट का जिक्र करते हुए, जयशंकर ने कहा कि इस बारे में तरीके तलाशने की जरूरत है कि एमजीसी की साझेदारी महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपनी ताकत कैसे दे सकती है।

    विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि, मेकांग गंगा सहयोग छह देशों के बीच साझा भौगोलिक, ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंधों की मजबूत नींव पर खड़ा है। (एजेंसी)