अब शाहीन बाग में भाषण देने के लिए भरना होगा फार्म

नई दिल्ली: नागरिकता कानून के विरोध का प्रमुख केंद्र बन चुके दिल्ली का शाहीन बाग़ में भाषण देने के लिए अब लोगों को फार्म भरना होगा. शाहीन बाग़ में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मंच पर भाषण देने के लिए एक

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नई दिल्ली: नागरिकता कानून के विरोध का प्रमुख केंद्र बन चुके दिल्ली का शाहीन बाग़ में भाषण देने के लिए अब लोगों को फार्म भरना होगा. शाहीन बाग़ में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मंच पर भाषण देने के लिए एक फॉर्म बनाया है. जिसको भरने के बाद ही वक्ताओ को मंच से बोलने दिया जाएगा. नागरिकता कानून के विरोध में शुरू प्रदर्शन में लगातार देश विरोधी भाषणों को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. 

सीएए के विरोध में पिछले ५० दिनों से प्रदर्शन शुरू है. वही सोशल मीडिया में शाहीन बाग़ से देश विरोधी और भड़काऊ भाषण वाले विडियो लगातार वायरल होरहे है. जिसके कारण पुरे देश में शाहीन बाग़ को देश विरोधी प्रदर्शन के रूप में पेश किया जा रहा. जिसको रोकने के लिए प्रदर्शनकारियों ने मंच से भाषण देने के लिए सक्त नियम बनाए है. बनाए गए नियमों के अनुसार अब जिसने १० वी तक पढ़ाई की है वही अब सीएए-एनआरसी पर भाषण दे सकता है. 

भाषण देने के लिए बनाए गये नए नियम: जिसके अनुसार 
* कोई भी वक्तव्य जो संविधान के खिलाफ हो ऐसा भाषण देना प्रतिबंधित है।

* भारत के किसी राज्य एवं स्थान को अलग करने संबंधी भाषण प्रतिबंधित है।

* जाति-धर्म, संप्रदाय से संबंधित भड़काऊ भाषण जिससे किसी भी धर्म की धार्मिक, भावनाएं आहत हों ऐसा कोई भी भाषण देना प्रतिबंधित है।

* देश के किसी भी महापुरुषों, क्रांतिकारियों एवं सरकारी अमले के विषय में विवादित भाषण देना प्रतिबंधित है।

* केवल सीएए-एनआरसी-एनपीआर बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, महिलाओं पर बढ़ते अपराधों के अलावा किसी भी विषय पर भाषण देना प्रतिबंधित है।

* कोई भी ऐसा नारा जो असंवैधानिक हो या जाति-धर्म की भावनाओं को आहत करे ऐसे नारे प्रतिबंधित हैं।

* कोई भी वॉलेंटियर मंच संचालकों पर अपने मित्र-रिश्तेदारों को अधिक तवज्जो देने हेतु दबाव न बनाएं।

* ऐसे कोई भी मेहमान जो दूर से आए हैं और तुरंत अपना भाषण देना चाहते हैं तो अपना वापसी टिकट दिखा कर मंच पर पहले आ सकते हैं।

* किसी भी राजनीतिक पार्टी के चुनाव प्रचार से संबंधित बयान देना प्रतिबंधित है।

* अगर मेरे भाषण पर कोई वैधानिक कार्यवाही करता है तो उसके लिए मैं स्वयं जिम्मेदार हूं, न कि शाहीनबाग के रहवासी।

गौरतलब है कि, नागरिकता कानून के विरोध में शुरू प्रदर्शन को संबोधित करते हुए जेएनयु के छात्र शरजील इमाम ने देश विरोधी भाषण दिया था, जिसमे उसने देश के मुसलमानों को एक होकर असम को देश से अगल करने का आवाहन किया था. सोशल मीडिया में इस वीडियो को शाहीन बाग़ का बता कर वायरल किया था. इसके बाद कुछ अन्य विवादित विडियो भी आए थे जिसको लोगों ने देश विरोधी बाते कही थी.