नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के बचे वक्त के लिए विपक्षी दलों ने नई रणनीति बनाई है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि विपक्षी दल सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। कांग्रेस सांसदों की बैठक में इससे जुड़ा प्रस्ताव रखा गया था। कांग्रेस इस संबंध में अन्य विपक्षी दलों से बात कर रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विपक्ष राहुल गांधी की अयोग्यता और सदन में पक्षपाती होने के लिए बिड़ला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगा।
Opposition parties may bring a no-confidence motion against Lok Sabha Speaker Om Birla on Monday. The proposal was kept in a meeting of Congress MPs. Congress is talking to other Opposition parties in this regard: Sources
— ANI (@ANI) March 28, 2023
अदाणी घोटाले पर कुछ भी सुनना नहीं चाहती सरकार: केसी वेणुगोपाल
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने बताया कि यह सरकार अदाणी घोटाले पर कुछ भी सुनना नहीं चाहती है। आज भी हमने इस घोटाले की जेपीसी जांच की मांग की। अगर सरकार दोषी नहीं है, तो इस मुद्दे पर जेपीसी बनाने से क्यों भाग रही है?
लोकतंत्र बचाओ मशाल शांति मार्च
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के सभी सांसद और नेता आज यानी मंगलवार शाम सात बजे लाल किले से टाउन हॉल तक ‘लोकतंत्र बचाओ मशाल शांति मार्च’ में हिस्सा लेंगे। अगले 30 दिनों में देश भर में ब्लॉक, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की भागीदारी से ‘जय भारत सत्याग्रह’ का आयोजन किया जाएगा।
All MPs and leaders of the Congress party will take part in the 'Loktantra Bachao Mashaal Shanti March' from Red Fort to Town Hall at 7pm today: Congress leader Jairam Ramesh pic.twitter.com/SmqpIkHOFV
— ANI (@ANI) March 28, 2023
खरगे ने अपने आवास ‘10 राजाजी मार्ग’ पर अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ समान विचारधारा वाले सभी विपक्षी दलों के नेताओं को रात्रिभोज पर बैठक के लिए आमंत्रित किया था। इस बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, द्रमुक नेता टी आर बालू, तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, जनता दल (यूनाइटेड) अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह, नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ मांझी और कई अन्य विपक्षी नेता शामिल हुए थे।
बैठक में, हालांकि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का कोई सदस्य शामिल नहीं हुआ। माना जा रहा है कि विनायक दामोदर सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी के चलते उद्धव ठाकरे की पार्टी ने इस बैठक से दूरी बनाई थी।