नई दिल्ली. कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को बड़ी घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल आज (26 जुलाई) सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। इससे पहले सूत्रों के हवाले से कई मीडिया रिपोर्ट्स में निचले सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की संभावना जताई गई थी।
चौधरी ने कहा, “आज यह निर्णय लिया गया है कि हमारे पास अविश्वास प्रस्ताव का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा क्योंकि सरकार विपक्षी दलों की यह मांग नहीं मान रही है कि मणिपुर के मुद्दे पर कम से कम प्रधानमंत्री को संसद में कड़ा बयान देना चाहिए क्योंकि वह भारत के प्रधानमंत्री के अलावा संसद में हमारे नेता हैं।”
Leader of Congress in Lok Sabha, Adhir Ranjan Chowdhury to ANI: "Today it has been decided that we won't have any other alternative but to resort to a no-confidence motion because government is not accepting to the demand of the opposition parties that on the issue of Manipur at… pic.twitter.com/X24Wtz6hRB
— ANI (@ANI) July 25, 2023
उन्होंने कहा, “लेकिन वह (प्रधानमंत्री) हमारी कठोर मांग को अस्वीकार कर रहे हैं। हालाँकि, यह स्वभावतः एक सहज माँग थी। फिर भी प्रधानमंत्री हमारी मांग पर विचार नहीं कर रहे हैं। इसीलिए हमने अविश्वास प्रस्ताव लाने का सोचा।”
उन्हने कहा, “जहां मुख्य विपक्ष का तर्क…सरकार के खिलाफ आरोपों का समाधान खुद प्रधानमंत्री द्वारा किए जाने की उम्मीद है। यह हमारा हताश प्रयास था और क्योंकि हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था, हमें इस संसदीय उपकरण का उपयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा जिसे अविश्वास प्रस्ताव के रूप में जाना जाता है।”
लोकसभा में संख्याबल कम होने के बावजूद विपक्षी दलों का मानना है कि यह अपनी चिंताओं को उठाने का सही मंच है। विपक्षी दलों ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि संसद तभी प्रभावी ढंग से चल सकती है जब प्रधानमंत्री मणिपुर मुद्दे पर बहस के बाद बयान देंगे।
हालांकि, उम्मीद है कि सरकार लोकसभा में पूर्ण बहुमत के कारण विश्वास मत में आसानी से सफल हो जाएगी। अविश्वास प्रस्ताव केवल संसद के निचले सदन में ही लाया जा सकता है।
बता दें कि सदन अध्यक्ष को अविश्वास का नोटिस देने के लिए विपक्ष को कम से कम 50 लोकसभा सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होती है। अन्यथा लोकसभा के नियमानुसार नोटिस खारिज कर दिया जाएगा।