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    नई दिल्ली: विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक सोमवार को शुरू होने के दस मिनट बाद ही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो सका।बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद सदन में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने नगालैंड में हुई गोलीबारी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि ‘‘यह अत्यंत गंभीर घटना है और गृह मंत्री को इस पर सदन में बयान देना चाहिए।”

    सभापति ने कहा कि इस बारे में उनकी गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात हुई है और गृह मंत्री आज दोपहर बाद एक बयान देंगे। सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी बताया कि गृह मंत्री दोपहर बाद एक बयान देंगे। इसके बाद नायडू ने जब शून्यकाल शुरू कराया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बृजलाल को अपना मुद्दा उठाने के लिए कहा, उसी समय तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कोई मुद्दा उठाना चाहा।   

    सभापति ने उन्हें अनुमति न देते हुए उनसे कहा कि वह सदस्यों को शून्यकाल के तहत अपने मुद्दे उठाने दें। इसी बीच तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी सदस्यों ने अपनी-अपनी मांगों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। इस पर, सभापति ने सवाल किया ‘‘क्या आप नहीं चाहते कि शून्यकाल चले और सदस्य जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे उठाएं ?” 

    सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते कि सदन में सामान्य कामकाज हो और शून्यकाल के तहत जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की वजह से शून्यकाल बाधित हो गया। इसके बाद सभापति ने 11 बज कर करीब दस मिनट पर बैठक बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले उन्होंने सदन को सूचित किया कि जनता दल(यू) के रामनाथ ठाकुर की ओर से उन्हें एक पत्र मिला है। 

    नायडू ने बताया कि यह पत्र ठाकुर ने जद(यू) के डॉ महेंद्र प्रसाद की ओर से लिखा है, जो स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं और लिख नहीं पा रहे हैं। सभापति ने बताया कि ठाकुर ने प्रसाद के स्वास्थ्य की वजह से उन्हें संसद के वर्तमान सत्र से अवकाश का अनुरोध किया है। सदन की सहमति मिलने के बाद उन्होंने प्रसाद के लिए अवकाश की मंजूरी दे दी। (एजेंसी)