नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने प्रधानमंत्री संग्रहालय (Pradhanmantri Sangrahalaya) का उद्घाटन कर दिया है। इससे पहले प्रधानमंत्री संग्रहालय का पहला टिकट मोदी ने खुद खरीदा है। बताना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री संग्रहालय राजधानी दिल्ली (Delhi) के तीन मूर्ति भवन परिसर में बनकर तैयार हुआ है। इसका उद्घाटन अंबेडकर जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन मूर्ति भवन में ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ का उद्घाटन किया है। इस संग्रहालय का उद्घाटन आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में देश भर में मनाए जा रहे ‘‘आजादी के अमृत महोत्सव” के दौरान किया गया है। यह संग्रहालय स्वतंत्रता के पश्चात देश के प्रधानमंत्रियों के जीवन और उनके योगदान के माध्यम से लिखी गई भारत की गाथा का वर्णन करता है। समाचार एजेंसी एएनआई ने इसकी तस्वीरें साझा की हैं।
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन मूर्ति भवन में ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ का उद्घाटन किया।
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन मूर्ति भवन में ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ का उद्घाटन किया। pic.twitter.com/MVzktxzQQn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 14, 2022
पीएम मोदी ने खरीदा पहला टिकट-
Delhi: PM Modi buys the first ticket at ‘Pradhanmantri Sangrahalaya’- a museum dedicated to country’s Prime Ministers since Independence pic.twitter.com/Qu0rUofSMu
— ANI (@ANI) April 14, 2022
गौर हो कि प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से कहा गया कि आजादी के अमृत महोत्सव में ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ का उद्घाटन हो रहा है और यह देश के प्रधानमंत्रियों के जीवन और योगदान के माध्यम के जरिए आजादी के बाद के भारत की कहानी को दर्शाता है। पीएमओ ने एक बयान में कहा कि यह संग्रहालय आजादी के बाद देश के प्रत्येक पीएम को श्रद्धांजलि है, चाहे उनका कार्यकाल जो भी रहा हो और चाहे उनकी जो भी विचारधारा रही हो।
प्रधानमंत्री संग्रहालय दिल्ली के तीन मूर्ति परिसर में निर्मित है और इसमें देश के 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन की झलक के साथ साथ राष्ट्रनिर्माण में उनका योगदान दर्शाया गया है।
पीएमओ के मुताबिक, इस समावेशी प्रयास का उद्देश्य नई पीढ़ी को सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व, दूरदृष्टि और उपलब्धियों से प्रोत्साहित करना है। इस संग्रहालय में कुल 43 दीर्घाएं हैं। नवीनता और प्राचीनता के मिले-जुले रूप का प्रतीक यह संग्रहालय पूर्व तीन मूर्ति भवन के खंड-एक को नव-निर्मित भवन के खण्ड-दो से जोड़ता है। दोनों खण्ड का कुल क्षेत्रफल 15,600 वर्ग मीटर से अधिक है। यह संग्रहालय स्वतंत्रता संग्राम के प्रदर्शन से शुरू होकर संविधान के निर्माण तक की गाथा बताता है कि कैसे हमारे प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न चुनौतियों के बावजूद देश को नई राह दी और देश की सर्वांगीण प्रगति को सुनिश्चित किया। (एजेंसी इनपुट के साथ)