President Draupadi Murmu

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नई दिल्ली.एक बड़ी खबर के अनुसार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने दिल्ली सेवा अधिनियम बिल (Delhi Service Bill) और डेटा प्रोटेक्शन बिल (Data Protection Bill) को अपनी मंजूरी दे दी है। इसी के साथ अब यह कानून बन गए हैं। जानकारी दें कि ‘दिल्ली सेवा बिल’ राजधानी में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में जुड़ा बिल है। वहीं डेटा प्रोटेक्शन बिल यूजर्स को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने के लिए ख़ास तौर पर लाया गया।

दरअसल डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को संसद के दोनों सदन से मंजूरी मिल चुकी है।  वहीं अब इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। वहीं अब इस कानून को कब से लागू किया जाएगा इसका नोटिफिकेशन अलग से लागू किया जाएगा।  इस कानून के लागू होने के बाद लोगों को अपने डेटा कलेक्शन, स्टोरेज और प्रोसेसिंग के बारे में जानकारी मांगने का अधिकार मिल जाएगा।  मामले पर IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डिजिटल सर्विस का इस्तेमाल करने वाले लोगों को यह कानून ज्यादा अधिकार देता है। वहीं इस बिल में नियमों का उल्लंघन करने पर कम से कम 50 करोड़ रुपये और अधिकतम 250 करोड़ रुपये जुर्माने का प्रावधान है।  

वहीं आज राष्ट्रपति ने दिल्ली सर्विस बिल को भी अपनी मंजूरी दे दी।  इसके साथ ही बीते 19 मई को जारी हुआ अध्यादेश अब कानून बन गया है।  पहले सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने अध्यादेश को चुनौती दी थी, लेकिन वह अब अब संशोधित कानून को चुनौती देगी।  यह कानून राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण पर अध्यादेश की जगह लेगा। 

इधर मोदी सरकार ने अपने जारी नोटिफिकेशन में कहा कि, इस अधिनियम को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2023 कहा जाएगा।  इसे 19 मई, 2023 से लागू माना जाएगा।  वहीं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 (जिसे इसके बाद मूल अधिनियम के रूप में संदर्भित किया गया है) की धारा 2 में खंड (ई) में कुछ प्रावधान शामिल किए गए।  ‘उपराज्यपाल’ का अर्थ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए संविधान के अनुच्छेद 239 के तहत नियुक्त प्रशासक और राष्ट्रपति द्वारा उपराज्यपाल के रूप में भी अब नामित कर दिया गया है।