नवभारत डिजिटल टीम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बजट सत्र के दौरान लोकसभा में सोमवार (05 फरवरी) को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कांग्रेस (Congress) समेत विपक्षी दलों को आड़े हाथ लिया। साथ ही उन्होंने विपक्ष के जातिगत जनगणना (Caste Census) के नेरेटिव पर निशाना साधते हुए कहा कि वो खुद ओबीसी हैं। अब इस पर राहुल गांधी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि किसी को छोटा और किसी को बड़ा समझने की इस मानसिकता को बदलना जरूरी है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “प्रधानमंत्री इस बीच अक्सर कह रहे थे देश में सिर्फ दो जातियां हैं – अमीर और गरीब, मगर आज संसद में उन्होंने खुद को ‘सबसे बड़ा ओबीसी’ बताया। किसी को छोटा और किसी को बड़ा समझने की इस मानसिकता को बदलना जरूरी है।”
प्रधानमंत्री इस बीच अक्सर कह रहे थे देश में सिर्फ दो जातियां हैं – अमीर और गरीब, मगर आज संसद में उन्होंने खुद को ‘सबसे बड़ा OBC’ बताया।
किसी को छोटा और किसी को बड़ा समझने की इस मानसिकता को बदलना ज़रूरी है।
OBC हों, दलित हों या आदिवासी, बिना गिनती के उन्हें आर्थिक और सामाजिक…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 5, 2024
राहुल गांधी ने कहा, “ओबीसी हों, दलित हों या आदिवासी, बिना गिनती के उन्हें आर्थिक और सामाजिक न्याय नहीं दिलाया जा सकता। मोदी जी इधर-उधर की इतनी बातें करते हैं, तो गिनती से क्यों डरते हैं?” जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगातार जातिगत जनगणना की मांग करते आ रहे हैं।
इससे पहले, भारत जोड़ों यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कहा, ‘‘दलितों और आदिवासियों के आरक्षण में कोई कटौती नहीं होगी। मैं आपको गारंटी दे रहा हूं कि समाज के पिछड़े वर्गों को उनका अधिकार मिलेगा। यह सबसे बड़ा मुद्दा है – सामाजिक और आर्थिक अन्याय।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि वह ओबीसी हैं, लेकिन जब जातीय जनगणना की मांग की गई तो उन्होंने कहा कि यहां केवल दो जातियां हैं- अमीर और गरीब। गांधी ने दावा किया, ‘‘जब ओबीसी, दलितों, आदिवासियों को अधिकार देने का समय आया, तो मोदी जी कहते हैं कि कोई जातियां नहीं हैं और जब वोट लेने का समय आता है, तो वह कहते हैं कि वह ओबीसी हैं।”