नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सासंद राहुल गांधी (MP Rahul Gandhi) ने एकबार फिर बीजेपी पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड के दो दिवसीय दौरे में कहा कि, मैं कोविड के दौरान देख रहा था जब हजारों की संख्या में लोग बेरोज़गार हुए, तब मनरेगा ने गरीब मजदूर लोगों को बचाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस समय कांग्रेस द्वारा लाई गई योजना मनरेगा पर कोई सवाल नहीं उठाया था। क्योंकि उस दौरान यह स्पष्ट हो गया था कि, उन्होंने जिस मनरेगा को को यूपीए (UPA) की विफलताओं का जीवंत स्मारक बताया था, उसी योजना ने भारत को कोविड-19 के समय बेरोजगारी से बचाया था।
उन्होंने आगे कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में मनरेगा का मजाक उड़ाया था उड़ाते हुए इस योजना को भारतीयों का अपमान बताया लेकिन, कोविड के दौर में इसी मनरेगा का इस्तेमाल करके गरीबों के खाते में करोड़ो रुपए भेजे गए। यूपीए सरकार ने मनरेगा (MGNREGA) को संकल्पित, विकसित और लागू किया था। जब मैंने लोकसभा में प्रधानमंत्री को मनरेगा के खिलाफ बोलते हुए सुना तो मैं चौंक गया था। उन्होंने इसे UPA की विफलताओं का जीवंत स्मारक बताया था। उन्होंने इसे राजकोष पर एक बोझ बताया था। इससे मुझे एहसास हुआ कि प्रधानमंत्री वास्तव में मनरेगा की गहराई को नहीं समझ पाए हैं। लेकिन आज उसी योजना के तहत करोड़ो गरीबों लोगों को रोजगार मिल रहा है।
गौरतलब है कि, मनरेगा रोजगार गारंटी कि एक ऐसी योजना है, जिसे 7 सितंबर 2005 को विधान द्वारा लागू किया गया। इस योजना के तहत किसी भी ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराता है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आये दिन कांग्रेस काल में जारी योजना के बीजेपी द्वारा विरोध और अब उनके सरकार में उसी योजना पर काम करने को लेकर आए दिन निशाना साधते रहते हैं।