Assembly Elections 2023, Chhattisgarh Assembly Election 2023, Telangana Assembly Elections 2023, Madhya Pradesh Assembly Election 2023, Congress, BJP, Exit Polls 2023, Operation Lotus
डिजाइन फोटो

Loading

शिमला: राज्यसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से लेकर हिमाचल प्रदेश तक विधायकों के दल-बदलने की खबरों ने सियासी पारा गरमा दिया है। हिमचाल में तो ऑपरेशन लोटस आहट ने दिग्गज नेताओं की भौंहें खड़ी कर दी है। दरअसल रिपोर्ट की माने तो हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के 9 विधायकों ने अपनी पार्टी को वोट न देकर बीजेपी को वोट दे दिया है, लेकिन अभी उन कांग्रेस के विधायकों के नाम पर सस्पेंस बना हुआ है जिन्होंने क्रॉस वोटिंग की है। अगर 9 विधायक बीजेपी की सपोर्ट में हैं तो कांग्रेस की सुक्खू सरकार के लिए खतरे की घंटी है। कांग्रेस की सुक्खू सरकार के पास 68 में से 40 विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ स्पष्ट बहुमत है। उनकी पार्टी जीत का दम भर रही है। लेकिन आंकड़े क्या कहते हैं उसे भी समझना जरूरी होगा।

क्या कहते हैं आंकड़े

दरअसल, हिमाचल की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास कुल 40 विधायक हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने दावा किया है कि उन्हें 3 निर्दलीय विधायक समर्थन मिला हैं। जबकि भारतीय जनता पार्टी के पास कुल 25 विधायक हैं। ऐसे में अगर कांग्रेस के 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग किया होगा तो बीजेपी के पाले में 34 वोट हो जायेंगे। वहीं कांग्रेस के 43 में से घटकर 34 हो जाएंगे।  इसी बीच हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, हमारे 40 विधायक हैं, अगर कोई बिका नहीं होगा तो निश्चित तौर पर हमें पूरे 40 वोट मिलेंगे। मेरा मानना है कि कांग्रेस की विचारधारा पर जो लोग चुन कर आए हैं उन्होंने पार्टी के समर्थन में वोट डाला होगा। वैसे वोटों की गिनती शाम पांच बजे से शुरू हो जायेगी उसके बाद पूरा पत्ता साफ़ हो जाएगा कि किसके खाते में कितने वोट पड़े हैं।

हर्ष महाजन पर बीजेपी का दांव

बता दें कि कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ बीजेपी ने हर्ष महाजन को मैदान में उतारा है। हर्ष महाजन तीन बार कांग्रेस के विधायक रहे और सितंबर 2022 में उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद हर्ष महाजन बीजेपी में शामिल हो गए थे। उनका कांग्रेस के कई नेताओं से बेहतर ताल्लुकात हैं। वहीं कांग्रेस के अंदरूनी कलह से हर कोई भलीभांति परचित है। दरअसल हिमाचल में एक तरह सुख्खू गुट है तो दूसरी तरफ वीरभद्र सिंह समर्थकों का एक बड़ा धड़ा है जो इस समय उनकी बेटी प्रतिभा सिंह के साथ है। वहीं हर्ष महाजन वीरभद्र धड़े के करीबी माने जाते हैं।

कांग्रेस का मानना है सब ठीक रहा तो हिमाचल से अभिषेक मनु सिंघवी राज्यसभा जरूर जाएंगे। दरअसल कांग्रेस के पास 68 में से 40 विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ स्पष्ट बहुमत है। कांग्रेस ने सिंघवी के लिए वोट सुनिश्चित करने के वास्ते अपने विधायकों को व्हिप जारी किया था, जिसके बाद बीजेपी ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पर अपने सदस्यों पर दबाव बनाने के लिए व्हिप जारी करने का आरोप लगाया और कहा कि विधायक लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए हैं और उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार वोट देने का अधिकार है।