Tejashwi Yadav, RJD leader
तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)

Loading

पटना : बिहार में पल-पल बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच राष्ट्रीय जनता दल ने एक बड़ा ऐलान किया है और कहा है कि वह नीतीश कुमार सरकार से अपना समर्थन वापस लेने जा रही है। इसके बारे में फैसला कर लिया गया है। समर्थन वापस लेते ही नीतीश कुमार की सरकार अल्पमत में आ जाएगी। इसके साथ ही साथ नीतीश कुमार की सरकार में जनता दल यूनाइटेड कोटे के सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों की गाड़ियों को लौटना शुरू कर दिया है।

बिहार के पटना में राजद की बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री और पार्टी नेता तेजस्वी यादव ने पार्टी नेताओं से कहा- सीएम नीतीश कुमार आदरणीय थे और हैं। कई चीजें उनके (नीतीश कुमार) नियंत्रण में नहीं हैं। ‘महागठबंधन’ में राजद के सहयोगी दलों ने हमेशा मुख्यमंत्री का सम्मान किया। मुख्यमंत्री मेरे साथ मंच पर बैठते थे और पूछते थे.. ”2005 से पहले बिहार में क्या था..” मैंने कभी प्रतिक्रिया नहीं दी… अब, अधिक लोग हमारे साथ हैं। जो काम दो दशकों में नहीं हुआ, वह हमने कम समय में कर दिखाया है, चाहे वह नौकरी हो, जातिगत जनगणना हो, आरक्षण बढ़ाना हो। ‘बिहार में अभी खेला होना बाकी है’।

 

बताया जा रहा है कि सभी मंत्रियों व विधायकों की मीटिंग के बाद तेजस्वी यादव के निर्देश पर सभी मंत्रियों ने अपनी अपनी गाड़ी वापस करना शुरू कर दिया हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने ऐलान किया कि राजद नीतीश कुमार के भाजपा के साथ गठबंधन की संभावना के मद्देनजर सरकार से अपना समर्थन वापस लेने जा रही है। इसीलिए हम लोग अपने विभाग की गाड़ी वापस लौटा रहे हैं।

 

 आपको बता दें कि इसके पहले राष्ट्रीय जनता दल ने नीतीश कुमार के हाथ से सत्ता छीनने की कोशिश में अपनी ओर से कई तरह की चाल चलने की कोशिश की। लालू यादव ने भी दलित मुख्यमंत्री के नाम पर जनता दल यू व भाजपा के कुछ लोगों को अपने पाले में करने की कोशिश की और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को सरकार बनाने के लिए अपने पाले में लाने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने जीतन राम मांझी के बेटे को उपमुख्यमंत्री बनाने का ऑफर भी दिया, लेकिन जीतनराम मांझी की ओर से कोई सकारात्मक रिस्पांस नहीं आने की वजह से लालू प्रसाद यादव और उनके पार्टी ने दूसरी चाल चली है। अब वे लोग नीतीश कुमार की सरकार से अपना समर्थन वापस लेने जा रहे हैं। ऐसा करने से नीतीश सरकार अल्पमत में आ जाएगी और सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में राष्ट्रीय जनता दल अपनी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है।

सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत है, जबकि 243 सदस्यों वाली विधानसभा में किसी के पास बहुमत नहीं है। केवल भाजपा व नीतीश के साथ आने से भी सरकार बन जाने की संभावना है। दोनों दलों के मिलने पर 123 विधायकों का बहुमत हो जाएगा।

 आपको बता दें कि बिहार में विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल के 79 विधायक हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी के पास केवल 78 विधायक हैं। नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड के पास कुल 45 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 19 विधायक हैं। सीपीआई-माले के पास 12 और हम पार्टी के पास कुल 4 विधायक हैं। इसके अलावा एआईएमआईएम के 1, सीपीआई के 2 और सीपीएम के पास भी 2 विधायक हैं। इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक बिहार विधानसभा में मौजूद है।