-सीमा कुमारी
आज अंबेडकर जयंती है। हर साल 14 अप्रैल को भीमराव अंबेडकर (Bhimrao Ambedkar) की जयंती मनाई जाती है। ‘बाबा साहब भीमराव अंबेडकर’ को भारतीय संविधान का निर्माता कहा जाता है। भारत रत्न से सम्मानित डॉ. बी.आर. अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल,1891 में मध्यप्रदेश के महू में हुआ था। इतिहासकारों के अनुसार, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का जीवन संघर्ष और सफलता की ऐसी अद्भुत मिसाल है, जो शायद ही कहीं और देखने को मिले। इस साल बाबा साहेब की 131 वीं जयंती मनाई जा रही है।
बचपन से ही उन्हें आर्थिक और सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ा। स्कूल में छुआछूत और जाति-पाति का भेदभाव का भी सामना करना पड़ा। विषम परिस्थितियों के बाद भी अंबेडकर ने अपनी पढ़ाई पूरी की। ये उनकी काबलियत और मेहनत का ही परिणाम है कि अंबेडकर ने 32 डिग्री हासिल की। विदेश से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की।
इसके बाद भारत में दलित समाज के उत्थान के लिए काम करना शुरू किया। संविधान सभा के अध्यक्ष बने और आजादी के बाद भारत के संविधान के निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया। जीवन के हर पड़ाव पर संघर्षों को पार करते हुए उनकी सफलता हर किसी के लिए प्रेरणा है। आइए जानें बाबा साहेब की जयंती पर उनके अनमोल विचारों के बारे में…
- बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।
- मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।
- अपने भाग्य के बजाए अपनी मजबूती पर विश्वास करो।
- जीवन लंबा होने के बजाए महान होना चाहिए।
- शिक्षित बनो, संगठित रहो और उत्तेजित बनो।
- एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है कि वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है।
- यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।