Ponmudi
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चेन्नई. आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) ने बृहस्पतिवार को तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के. पोनमुडी (Tamil Nadu Higher Education Minister Ponmudi) को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत तीन साल जेल की सजा सुनाई और 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। सजा सुनाए जाने के साथ ही द्रमुक के वरिष्ठ नेता पोनमुडी (72) की विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो गई और मंत्री पद भी चला गया। हालांकि पोनमुडी को सजा सुनाए जाने पर उनकी पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) ने कहा है कि यह कोई झटका नहीं है। उत्तरी तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के रहने वाले पोनमुडी तिरुक्कोयिलुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे।

न्यायमूर्ति जी. जयचंद्रन ने पोनमुडी की पत्नी पी. विशालाक्षी को भी तीन साल जेल की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने पोनमुडी और उनकी पत्नी पर 50-50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। अदालत में सुनवाई शुरू होने पर वरिष्ठ वकील एनआर एलांगो ने पोनमुडी और उनकी पत्नी विशालाक्षी को उच्चतम न्यायालय के समक्ष विशेष अनुमति याचिका दायर करने की छूट देने और सजा को निलंबित करने का अनुरोध किया। न्यायाधीश ने कहा कि यदि आरोपी व्यक्ति 22 जनवरी, 2024 को या उससे पहले आत्मसमर्पण करने में विफल रहते हैं, तो निचली अदालत वारंट जारी करके आदेश पर अमल करे।

उच्च न्यायालय ने पोनमुडी और उनकी पत्नी को पहले ही दोषी करार दे दिया था, लेकिन सजा आज सुनाई। कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि पोनमुडी अपनी दोषसिद्धि और जेल की सजा के बाद विधायक पद के अयोग्य हो गए हैं और उन्होंने मंत्री पद भी खो दिया है। पोनमुडी की अयोग्यता के बारे में पूछे जाने पर, वरिष्ठ वकील अबुदुकुमार राजरथिनम ने कहा, “पोनमुडी की दोषसिद्धि के मद्देनजर, उन्हें जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा आठ (1) (एम) के तहत छह साल के लिए अयोग्य हो गए हैं।” इसके अलावा, उन्होंने कहा, “पोनमुडी को दोषी ठहराए जाते ही अयोग्य घोषित कर दिया गया है। उनका एकमात्र विकल्प अपनी सजा पर रोक लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाना है ताकि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अयोग्यता न हो। चूंकि वह एक विधायक नहीं रह गए हैं, इसलिए वह तमिलनाडु के मंत्री का पद संभालने के लिए भी अयोग्य हैं।”

न्यायाधीश ने 19 दिसंबर को पोनमुडी और उनकी पत्नी विशालाक्षी को मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें सजा सुनाने से पहले सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था। पोनमुडी और विशालाक्षी आज सुबह 9:50 बजे तक अदालत में उपस्थित थे। न्यायाधीश ने पोनमुडी और विशालाक्षी से पूछा कि क्या उन्हें सजा के बारे में कुछ कहना है। पोनमुडी ने कहा कि वह निर्दोष हैं, 72 साल के हैं और पिछले 10 साल से हृदय रोगी हैं। उन्होंने अदालत से कम सजा देने की गुहार लगाई।

विशालाक्षी ने कहा कि वह 68 साल की हैं। उनके पति ‘हृदय रोगी’ हैं और उन्हें उनकी देखभाल करनी होती है, इसलिए कम सजा दी जा सकती है। हालांकि पोनमुडी को सजा सुनाए जाने पर उनकी पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) ने कहा है कि यह कोई झटका नहीं है। द्रमुक के संगठन सचिव आर. एस. भारती ने पोनमुडी को सजा सुनाए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “यह निश्चित रूप से द्रमुक के लिए झटका नहीं है। यह फैसला उतना प्रतिकूल नहीं है।” उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, “इस मामले में एक तकनीकी मुद्दा है। हम उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे और इसे दूर कर लेंगे।” (एजेंसी)