नई दिल्ली: दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज संसद में डॉ बी.आर. अंबेडकर (Dr. B.R. Ambedkar)को उनकी पुण्यतिथि (death anniversary)पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे। दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) सहित कांग्रेस सांसदों ने आज संसद में डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद में डॉ बी.आर. अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे। pic.twitter.com/8RfrEMX5O3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2022
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ में आज बाबा साहेब अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने पार्टी के संस्थापक कांशीराम को भी श्रद्धांजलि दी।
दिल्ली: कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कांग्रेस सांसदों ने आज संसद में डॉ बी.आर. अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। pic.twitter.com/Vu0yxCErTi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2022
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि ‘महापरिनिर्वाण दिवस पर, मैं डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और हमारे राष्ट्र के लिए उनकी अनुकरणीय सेवा को याद करता हूं। उनके संघर्षों ने लाखों लोगों को उम्मीद दी और भारत को इतना व्यापक संविधान देने के उनके प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
उत्तर प्रदेश: पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ में आज बी.आर. अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने पार्टी के संस्थापक कांशीराम को भी श्रद्धांजलि दी। pic.twitter.com/RAl5mMjHdP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2022
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर एक बौद्ध गुरु थे, इसलिए उनकी पुण्यतिथि के लिए बौद्ध अवधारणा में ‘महापरिनिर्वाण’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर पूरे भारत के लाखों लोग 1 दिसंबर से मुंबई में चैत्यभूमि उनकी समाधि पर आते हैं। यहां 25 लाख से अधिक भीम अनुयायी इकट्ठा होते हैं और चैत्यभूमि स्तूप में रखे आंबेडकर के अस्थि कलश और प्रतिमा को श्रद्धांजलि देते हैं।