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चमोली: उत्‍तराखंड के चमोली मुख्यालय के गोपेश्वर में स्थित भगवान गोपीनाथ मंदिर के एक तरफ झुकने की बात सामने आ रही है। साथ ही  ये भी बात सामने आ रही है की मंदिर के गर्भ गृह में पानी भी टपक रहा है। मन्दिर के पुजारियों और जिम्मेदारों ने मंदिर के झुकने और क्षतिग्रस्त होने की सूचना जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग को दी है।

पुरातत्व विभाग करता है मंदिर का संरक्षण
मंदिर की व्यवस्था पहले स्थानीय हक-हकूकधारियों के पास थी। लेकिन, मंदिर अलग-अलग जगह से क्षतिग्रस्त होने लगा था। इसके बाद यह मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन होने गया। अब इसका संरक्षण पुरातत्व विभाग करता है। 

गोपेश्वर के अलग-अलग हिस्से भूस्खलन की चपेट में
यही नहीं गोपेश्वर नाथ मंदिर को लेकर इस लिया भी चिंता है क्योंकि गोपेश्वर के अलग-अलग हिस्से भूस्खलन की चपेट में है। इसका प्रभाव अब गोपीनाथ मंदिर के आसपास भी पड़ रहा है। गोपीनाथ मंदिर लाखों लोगों की आस्था का प्रतीक है। बताया ये भी जा रहा है कि सही ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने के चलते गोपेश्वर के अलग-अलग हिस्से भूस्खलन की चपेट में है।  

मंदिर के एक पुजारी की मानें तो यह मंदिर उत्तर-भारत के सबसे भव्य मंदिरों में से एक है। इस मंदिर से जुड़ी हुई कई धार्मिक कथाएं हैं और हर साल हजारों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शनों के लिए यहां आते हैं, लेकिन मंदिर के झुकाव और अलग-अलग जगहों पर दरारों को देखते हुए पुरातत्व विभाग और जिला प्रशासन को मंदिर को लेकर गंभीरता से सोचना होगा और इस मंदिर के संरक्षण को लेकर कार्य योजना तैयार करनी होगी।

आकर्षण का केंद्र रहा है यह मंदिर 
बदरीनाथ और केदारनाथ की केंद्र बिंदु में स्थित भगवान रुद्रनाथ की शीतकालीन गद्दी गोपीनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। पौराणिक काल से ही यह मंदिर अपने निर्माण शैली को लेकर विशेष आकर्षण का केंद्र रहा है। नागर शैली में निर्मित यह मंदिर कत्यूरी राजाओं द्वारा बनाया गया ऐसी मान्यता है।