क्यों मनाया जाता है National Endangered Species Day, जानिए इस विशेष दिन के बारे में

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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: ‘राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस’ (National Endangered Species Day) हर साल मई महीने के तीसरे शुक्रवार को मनाया जाता है। इस साल आज यानी19 मई को यह दिवस मनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य संसार में व्याप्त वन्यजीवों और लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करना है। क्या आप इस दिन को मनाने के महत्व और इसके इतिहास से वाकिफ है।

दरअसल, पृथ्वी पर मौजूद पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और कीड़े-मकौड़े सभी जीव-जतुंओं की फेहरिस्त में शामिल है। हालांकि, समय के साथ पेड़ों की कटाई, तेजी से कम होते जंगल और जलवायु परिवर्तन के चलते जीव-जतुंओं की कई प्रजातियां पृथ्वी से विलुप्त होने की कगार पर है। इसी गंभीर मुद्दे से लोगों को अवगत कराने के लिए हर साल राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस मनाया जाता है। आइए जानें, इसका इतिहास और महत्व –

इतिहास

1960 के दशक में पहली बार पर्यावरण और पर्यावरण में मौजूद वन्यजीवों की रक्षा और भलाई के लिए चिंता प्रकट की गई। इसी समय लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण पर भी बल दिया गया। इसके बाद 1972 में अमेरिका में लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा के लिए कई नियम और कानून बनाए गए। ऐसा कहा जाता है कि 2006 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक अधिनियम पारित कर लुप्तप्राय प्रजाति दिवस मनाने पर बल दिया। इसके बाद हर साल मई महीने के तीसरे शुक्रवार को राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस मनाया जाने लगा।

राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस का महत्व

बेशक पृथ्वी से लुप्त हो रहे जीव-जतुंओं का संरक्षण एक गंभीर मुद्दा है। हालांकि, दुनिया का बड़ा वर्ग अभी भी इस समस्या से पूरी तरह अनभिज्ञ है। ऐसे में राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस पर दुनिया के अलग-अलग कोनों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के जरिए लोगों को लुप्त हो रही प्रजातियों के प्रति जागरुक कराया जाता है। साथ ही इस दौरान लोगों को जीव-जतुंओं की विलुप्त होने का कारण बताते हुए इनके संक्षरण पर जोर दिया जाता है।