Coronavirus
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    नई दिल्ली: पीछे ढाई साल से पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ने अपना कहर मंडराया है। वही बीते कुछ महीनों से भारत में लोगों को लग रहा था कि अब  अब कोरोना महामारी पूरी तरह के खत्म हो चुकी है। वहीं,लोगों  की इस गलतफहमी को कोरोना ने खुद दूर किया है। जी हां कोरोना के एक नए वेरिएंट फिर से दस्तक दे दी है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना के दो नए वैरिएंट सामने आए हैं जो ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट हैं। आइए जानते है इनके बारे में पूरी जानकारी… 

    जानकारी के लिए आपको बता दें कि कोरोना के इन नए सब-वैरिएंट्स के नाम BA.5.1.7 और BF.7 है। बता दें कि इन नए वैरिएंट्स को काफी संक्रामक माना जा रहा है और त्योहार के दौरान कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इन नए वेरिएंट को लेकर कई ऐसी बाते है जो आपको जानना बेहद आवश्यक है। तो आइए जानते है इनके बारे में.. 

    जानें क्या है ओमिक्रॉन BF.7

    मिली जानकारी के मुताबिक ओमिक्रॉन का नया सब-वैरिएंट BF. 7 सबसे पहले नॉर्थवेस्ट चीन के मंगोलिया ऑटोनोमस रीजन में पाया गया था और यही सब-वैरिएंट चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार है। आपको बता दें कि ओमिक्रॉन का ये नया सब-वैरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है और अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम में भी इसके मामले पाए जा रहे हैं। 

    गुजरात में मिला ओमिक्रॉन BF.7

    दरअसल कोरोना के इस नए ओमिक्रॉन BF. 7 को ‘ओमिक्रोन स्पॉन’ के रूप में भी जाना जाता है। महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि भारत में भी ओमिक्रॉन BF. 7का एक मामला दर्ज किया गया है।बता दें कि BF. 7 का ये मामला गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर में पाया गया है। ऐसे में एक्सपर्ट्स ने लोगों से त्योहारों के दौरान विशेष सावधानी बरतने की अपील की है, अगर आप भी इस खतरे से बचना चाहते है तो सतर्क रहे सावधान रहे। 

    इस नए वेरिएंट के बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन BF. 7 को लेकर ये आशंका जताई जा रही है कि यह वैरिएंट पहले से मौजूद वैरिएंट को रिप्लेस कर देगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि BF. 7 वैरिएंट का इंफेक्शन रेट काफी ज्यादा हाई है। एक्सपर्ट्स ने ये भी कहा कि ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट के लक्षण काफी ज्यादा हल्के हैं और इनसे घबराने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन जो लोग हार्ट डिजीज, किडनी डिजीज और लिवर डिजीज की समस्याओं से जूझ रहे हैं उनमें इसके लक्षण गंभीर नजर आ सकते है। ऐसे में आइए जानते हैं ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट BF. 7 के लक्षणों के बारे में-

    ओमिक्रॉन BF.7 के सबसे आम लक्षण

    • लगातार खांसी
    • सुनने में दिक्कत
    • छाती में दर्द
    • कंपकंपी लगना
    • स्मेल में बदलाव

    जानें क्यों है इससे घबराने की जरूरत?

    जानकारी के लिए आपको बता दें कि नए वैरिएंट और सब-वैरिएंट के साथ ही कोविड 19 के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इसके गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं। जब भी कभी कोविड का कोई नया वैरिएंट आता है तो इससे कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के चांसेस काफी ज्यादा बढ़ जाते है ,इस बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि फेस्टिव सीजन में अधिकतर लोग शॉपिंग करने के लिए निकलते हैं जहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जाता।

    इसके साथ ही लोग बिना मास्क के ही ट्रैवल करते हैं जिससे इस दौरान कोविड के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है जरूरी है कि फेस्टिव सीजन में मास्क पहनने से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सभी तरह की सावधानियां बरती जाएं। इसके साथ ही जरूरी है कि आप भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें और बिना काम के मार्केट ना जाएं। इस तरह सावधानी बरत कर आप अपनी और अपने परिवार को इस खतरे से बचा सकती है। 

    नए सब-वैरिएंट से जुड़ी चिंताएं 

    ओमिक्रॉन का यह सब-वैरिएंट पहले हुए इंफेक्शन या वैक्सीनेशन से बनी एंटीबॉडीज को आसानी से चकमा दे सकता है। इस मामले में ये नया सब-वैरिएंट पिछले सभी सब-वैरिएंट्स की तुलना में बेहतर काम करता है। नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्यूनाइजेशन (NTAGI) के चेयरमैन डॉ. एन.के. अरोड़ा ने कहा कि आने वाले दो से तीन हफ्ते महत्वपूर्ण होंगे। कोविड 19 अभी भी हमारे आसपास ही है, और दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में नए वैरिएंट्स सामने आ रहे हैं। यह तय है कि हम भी इससे अछूते नहीं रह सकते। ऐसे में जरूरी है कि आप फेस्टिव सीजन में सतर्क रहें और सभी जरूरी सावधानियों का पालन करें। 

    तेजी से फैल रहा है BA.5.1.7 और BF.7 

    आपको बता दें कि ओमिक्रॉन के इन दोनो वैरिएंट्स की संक्रामता दर काफी अधिक है, यह ज्यादा खतरनाक है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ये नए वैरिएंट्स व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को आसानी से चकमा दे सकते हैं और पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों को भी ये संक्रमण हो सकता है। इन नए वैरिएंट्स में, कुछ वायरल कण ही किसी व्यक्ति को संक्रमित करने के लिए काफी हैं। इसका मतलब है कि बाकी सभी वायरस की तुलना में इस वायरस के थोड़े से ही संपर्क में आने से आप भी संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में अब यह आप पर निर्भर करता है कि  आप खुद को इस खतरे से कैसे बचते है। जागरूक रहे सतर्क रहे।