नई दिल्ली. जहां एक तरफ बीते बुधवार को चंद्रयान-3 (Chandrayan 3) ने चांद की सतह पर लैंडिंग करते ही एक इतिहास रच दिया। वहीं भारत, चांद के साउथ पोल पर स्पेसक्राफ्ट उतारने वाला पहला और चंद्रमा पर पहुंचने वाला विश्व का चौथा देश बन गया है। चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद के साउथ पोल पर बीते बुधवार शाम 6 बजकर 04 मिनट पर लैंडिंग की।
वहीं चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद पर उतारते ही मैसेज भेजा- मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया और भारत भी। ISRO के डायरेक्टर एस। सोमनाथ ने इस मिशन के लिए अगले 14 दिन अहम बताए हैं। वहीं PM मोदी ने साउथ अफ्रीका से देशवासियों को बधाई देते हुए कहा- अब चंदा मामा दूर के नहीं। भारत की इस शानदार सफलता से विदेश भी अभिभूत हो गया है।
#WATCH | US: Members of the Indian diaspora celebrate the successful landing of #Chandrayaan3, at Times Square in New York pic.twitter.com/0kDIGVGD4V
— ANI (@ANI) August 24, 2023
इसी क्रम में अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों ने न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग का जश्न मनाया। वहीं अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के लिए भारत को बधाई दी है।
US Vice President Kamala Harris congratulates India for the historic landing of Chandrayaan-3 on the southern polar region of the moon
“It’s an incredible feat for all the scientists and engineers involved. We are proud to partner with you on this mission and space exploration… pic.twitter.com/Bfr6mMgTVV
— ANI (@ANI) August 23, 2023
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा: “इस अभियान में शामिल सभी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि है। हमें इस मिशन और अंतरिक्ष अन्वेषण में आपके साथ अधिक व्यापक साझेदारी पर गर्व है।” इसके साथ ही चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग पर संयुक्त राष्ट्र महासभा(UNGA) के अध्यक्ष की प्रवक्ता पॉलिना कुबियाक ने कहा कि, “(UNGA)अध्यक्ष ने भारत को उनकी सफलता पर बधाई दी है। “
#WATCH | On the successful landing of #Chandrayaan3, Paulina Kubiak, Spokesperson for the President of the United Nations General Assembly says, “The president congratulates India…” pic.twitter.com/H3hlE9XqpU
— ANI (@ANI) August 23, 2023
गौरतलब है कि, चंद्रमा के पोलर रीजन दूसरे रीजन्स से काफी अलग हैं। वहीं यहां कई इलाके ऐसे हैं, जहां सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती और तापमान -200 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है। ऐसे में हमारे वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यहां बर्फ के फॉर्म में अभी भी पानी मौजूद हो सकता है। 2008 के चंद्रयान-1 मिशन ने चंद्रमा की सतह पर पानी की मौजूदगी का संकेत दिया था। देखा जाए तो अब इस मिशन के लिए अगले 14 दिन बहुत महत्वपूर्ण हैं। लेकिन चंद्रयान-3 इसमें भीं सफल होगा।