नई दिल्ली: डब्ल्यूएफआई चीफ (WFI) बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवान मंगलवार को अपना मेडल गंगा नदी (Ganga River) में बहाने के लिए हरिद्वार (Haridwar) पहुंचे थे। हालांकि, किसान नेताओं के मनाने के बाद उन्होंने अपने मेडल नदी में नहीं बहाए। पहलवानों ने नरेश टिकौत (Naresh Tikait) की बात मानते हुए अपने मेडल उन्हें सौंप दिए। इसके बाद पहलवान अब हरिद्वार से लौट रहे हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, नरेश टिकैत ने पहलवानों से पांच दिनों का समय मांगा है।
#WATCH | Naresh Tikait arrives in Haridwar where wrestlers have gathered to immerse their medals in river Ganga as a mark of protest against WFI chief and BJP MP Brij Bhushan Sharan Singh over sexual harassment allegations. He took medals from the wrestlers and sought five-day… pic.twitter.com/tDPHRXJq0T
— ANI (@ANI) May 30, 2023
उल्लेखनीय है कि 28 मई को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को हिरासत में लिया था और उनके सामान को जंतर-मंतर (Jantar-Mantar) से हटा दिया था। जिसके बाद मंगलवार को पहलवानों ने कहा था कि वे कड़ी मेहनत से जीते अपने पदक गंगा नदी में फेंक देंगे और इंडिया गेट पर ‘आमरण अनशन’ पर बैठेंगे।
मेडल विसर्जित करने के लिए हरिद्वार जाएंगे: साक्षी मलिक
इससे पहले आज सुबह ही रियो ओलंपिक 2016 की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक बयान में कहा था कि पहलवान मंगलवार को शाम छह बजे पदकों को पवित्र नदी में विसर्जित करने के लिए हरिद्वार जाएंगे।
पहलवानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
रविवार को दिल्ली पुलिस ने साक्षी के साथ विश्व चैंपियनशिप की कांस्य विजेता विनेश फोगाट और एक अन्य ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया को हिरासत में लिया और बाद में उनके खिलाफ कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज की।
जंतर-मंतर पर ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं को दिल्ली पुलिस ने जबरदस्ती बस में डाला जब रविवार को पहलवानों और उनके सामर्थकों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की। पहलवानों को नए संसद भवन की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं थी। इसी दिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को इसका उद्घाटन करना था और पुलिस ने जब पहलानों और उनके समर्थकों को रोका तो उनके बीच धक्का-मुक्की भी हुई।