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नई दिल्ली: एक बड़ी खबर के अनुसार आज यानी गुरूवार 4 जनवरी को YSR तेलंगाना पार्टी की अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस.जगन मोहन रेड्डी की बहन वाई.एस. शर्मिला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गईं हैं। जानकारी दें कि इस बाबत बीते सोमवार से ही कयास लगाए जा रहे थी कि शर्मिला जल्द ही कांग्रेस में शामिल होंगी।

विलय पर क्या बोलीं शर्मिला 

अपनी पार्टी के कांग्रेस में विलय होने के बाद YSR तेलंगाना पार्टी की अध्यक्ष वाई.एस.शर्मिला ने कहा कि, “आज मैं YSR तेलंगाना पार्टी का कांग्रेस पार्टी में विलय करते हुए बहुत खुश हूं। मुझे बहुत खुशी हो रही है कि YRS तेलंगाना पार्टी आज से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा बनने जा रही है।।। कांग्रेस पार्टी अभी भी हमारे देश की सबसे बड़ी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है।”

भारत राष्ट्र समिति का प्रभुत्व समाप्त  

देखा जाए तो कांग्रेस ने तेलंगाना में विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करते हुए राज्य में भारत राष्ट्र समिति के प्रभुत्व को समाप्त कर दिया है। ऐसे में तेलंगाना कांग्रेस में अब कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। कयास हैं कि शर्मिला को राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस में एक पद दिया जाएगा और उनकी पार्टी के कांग्रेस में विलय के बाद शर्मिला को दक्षिणी राज्यों के चुनाव का प्रभारी बनाए जाने की भी अपार संभावना है।

क्या है कांग्रेस-शर्मीला की मंशा 

माना जा रहा है कि कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य आंध्र प्रदेश में एक बार फिर प्रभुत्व बनाना है। दरसल कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि YSRCP छोड़ने के इच्छुक लोग अब कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, जब प्रमुख विपक्षी दल तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) अपना प्रभाव बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। ऐसे में उनके लिए शर्मिला बहुत काम आ सकती हैं। वैसे भी शर्मिला ने के।चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (BRS) के कथित भ्रष्ट और जनविरोधी शासन को समाप्त करने के लिए तेलंगाना में हालिया विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी।   

अब क्या करेंगे जगन 

यह भी पता हो कि शर्मिला अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाई.एसराजशेखर रेड्डी की बेटी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस.जगन मोहन रेड्डी की छोटी बहन हैं। ऐसे में अब बहन शर्मिला के जाने से जगन क्रुद्ध या फिर अचंभित तो होंगे ही। अब यह देखना भी रोचक होगा कि इन बदली हुए हालातों में वह क्या करते हैं। कहा जा रहा है की कांग्रेस नेतृत्व ने शर्मिला को आश्वासन दिया है कि तेलंगाना में उनके सहयोगियों को उचित स्थान दिया जाएगा।