सीमा कुमारी
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: अखंड सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक गणगौर का पर्व (Gangaur Puja 2024) राजस्थान का मुख्य पर्व है। राजस्थान (Rajasthan Festival) में गणगौर का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है और देश के विभिन्न हिस्सों में जैसे गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी इसे अलग-अलग रूप में मनाया जाता है। यह पर्व मां पार्वती को समर्पित है और इस पर्व में उनकी पूजा की जाती है। राजस्थान में गणगौर का अलग ही महत्व है। हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर का पर्व मनाया जाता है और इस बार यह तिथि 11 अप्रैल को है।
तिथि
गणगौर पर्व – 11 अप्रैल 2024
चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि प्रारम्भ – 10 अप्रैल, 2024 को शाम 5:32 बजे
चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि समाप्त – 11 अप्रैल, 2024 को दोपहर 3:03 बजे
उदया तिथि को मानते हुए गणगौर का पर्व 11 अप्रैल को मनाया जाएगा और इसी दिन चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन है।
17 दिन चलता है गणगौर पूजा का पर्व
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, राजस्थान में गणगौर का त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा (होली) के दिन से शुरू होता है, जो अगले 17 दिनों तक चलता है। 17 दिनों में हर रोज भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति बनाई जाती है और पूजा व गीत गाए जाते है। इसके बाद चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके व्रत और पूजा करती हैं और शाम के समय गणगौर की कथा सुनते है।
धार्मिक महत्व
गणगौर व्रत का विशेष महत्व है। इस पर्व को सुहागन और कुंवारी कन्याएं धूमधाम से मनाती है। इस दिन माता पार्वती और शिव जी की पूजा करने का विधान है। महिलाएं पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य के लिए और कुंवारी कन्याएं मनचाहा पति पाने के लिए इस व्रत को रखती हैं। इस व्रत की सबसे दिलचस्प बात ये है कि इस व्रत के बारे में पत्नी अपने पति को नहीं बताती है और न ही प्रसाद खाने के लिए देती हैं।