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    -सीमा कुमारी

    इस वर्ष पौष मास (Paush Month) 9 दिसंबर, शुक्रवार से शुरू है। पंचांग के अनुसार, इसे दसवां माह माना जाता है। इस माह में भगवान सूर्य के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही इस मास को छोटा पितृपक्ष के रूप में भी जानते हैं। इसलिए इस माह में पिंडदान, श्राद्ध, तर्पण करना शुभ माना जाता है।

    ऐसा इसलिए, क्योंकि इस माह में पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। आइए जानें पौष का महीना कब से शुरू हो रहा है और क्या है इसका महत्व।

    तिथि

    पंचांग के अनुसार, पौष मास 9 दिसंबर से शुरू हो रहा है और जिसका समापन 7 जनवरी 2023 को होगा।

    महत्व  

    पंचांग के अनुसार पौष मास वर्ष 2022 में 9 दिसम्बर से शुरू हो रहा है और इसका समापन 7 जनवरी 2023 को होगा। इस पवित्र मास में भगवान सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। बता दें कि इस मास में सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे। जिस वजह से मांगलिक कार्यों पर कुछ समय के लिए रोक लग जाएगी।

    ऐसे में ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस मास में पूर्वजों को पिंडदान करने से उन्हें बैकुंठ की प्राप्ति होती है और पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। मान्यता यह भी है कि जो व्यक्ति इस मास में भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करता है उसे तेज, बल, बुद्धि, विद्या, यश और धन की प्राप्ति होती हैं। इस मास में रविवार के दिन उपवास रखने से भी भक्तों को सूर्य देव का आशीर्वाद मिलता है।