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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: साल 2023 में माघ महीने की अमावस्या तिथि 21 जनवरी, दिन शनिवार को है। माघ मास में पड़ने के कारण इसे ‘माघी अमावस्या’ (Maghi Amavasya) या मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के नाम से भी जाना जाता है। यह माघ का दूसरा शाही स्नान होता है। इस दिन गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय अथवा कुंड में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है।  

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और पितरों को तर्पण करने और भगवान विष्णु की पूजा से पापों से मुक्ति मिलती है और ग्रह दोष समाप्त हो जाते है। आइए जानें ‘माघी अमावस्या की पूजा विधि और महिमा –

    मुहूर्त

    इस बार माघ माह की अमावस्या (Magh Month Amavasya 2023) तिथि 21 जनवरी दिन  शनिवार को  प्रातः काल 6:17 पर शुरू होगी और 22 जनवरी रविवार को सुबह 2:22 बजे तक रहेगी। ‘माघ अमावस्या’ का व्रत, स्नान, दान आदि कार्य 21 जनवरी, 2023 दिन शनिवार को किया जाएगा।  

    माघ, कृष्ण अमावस्या 2023 मुहूर्त

    माघ अमावस्या प्रारम्भ :

    21 जनवरी को सुबह 6:17 बजे

    माघ कृष्ण अमावस्या समाप्त :

     22 जनवरी को रात्रि 2:22

    पूजा विधि

    • सूर्योदय से पहले उठे और गंगा या संगम में स्नान करें।
    • यदि संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
    • स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य दें।
    • विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें।
    • ब्राह्मणों को भोजन कराएं और गरीबों की मदद करें।
    • सामर्थ के अनुसार दान करें।
    • महिमा

    सभी अमावस्या तिथियों में मौनी अमावस्या को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। शास्त्रों में मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के संगम में स्‍नान का विशेष महत्व बताया गया है।  इस दिन यहां देव और पितरों का संगम होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि माघ महीने में देवता प्रयागराज आकर अदृश्य रूप से संगम में स्नान करते है। इस दिन पितृगण पितृलोक से संगम में स्नान करने आते हैं और इस तरह देवता और पितरों का इस दिन संगम होता है।