दक्षिण भारत में आज है ‘हनुमान जयंती’, जानिए क्यों मनाई जाती है अलग तिथि में ‘तेलुगू हनुमान जयंती’

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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: सनातन धर्म में पवनपुत्र हनुमान जी की पूजा का बड़ा महत्व है।  उन्हें पांच चिरंजीवियों में एक माना जाता है। इसके अलावा, उन्हें भक्ति, शक्ति और दृढ़ता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। उत्तर भारत में हनुमान जयंती की तिथि अलग है और दक्षिण भारत में अलग। कुछ राज्यों में अलग अलग मान्यता के अनुसार अलग अलग तिथियों को बजरंगबली जी की जयंती मनाई जाती है। तेलुगु हनुमान जयंती भी प्रचलित मान्यता से अगल तिथि या दिनांक के दिन होती है। इस बार तेलुगु हनुमान जन्मोत्सव आज 14 मई को मनाई जा रही । आइए जानें साल 2023 में कब तेलुगु हनुमान जयंती और तेलुगु हनुमान जयंती अलग क्यों मनाई जाती है?

तिथि

2023 में, आंध्र प्रदेश में हनुमान जयंती की तिथि 14 मई है। इसे आंजनेय स्वामी जयंती या हनुमान जयंती के रूप में भी जाना जाता है, यह चैत्र पूर्णिमा से शुरू हुई 41-दिवसीय हनुमान दीक्षा (अंजनेया माला) के अंत का प्रतीक है।

तेलुगु हनुमान जयंती अलग क्यों मनाई जाती है?

 दरअसल, आंध्र, तेलंगाना या तेलुगु में हनुमान जन्म उत्सव चैत्र माह की पूर्णिमा वैशाख माह की दशमी तक चलता है। दशमी को हनुमान जयंती मनाते हैं। यहां पर भक्त चैत्र पूर्णिमा पर 41 दिनों की दीक्षा शुरू करते हैं और हनुमान जयंती के दिन इसका समापन करते हैं हालांकि यह भी कहते हैं कि आंध्र, तेलंगाना या तेलुगु जैसे दक्षिणी क्षेत्रों में, हनुमान जयंती उस दिन के उपलक्ष्य में मनाई जाती है जब भगवान हनुमान जी भगवान राम से मिले थे।

पूजा विधि

  • आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भक्त गण 41 दिन का उपवास रखते हैं जो हनुमान जयंती पर समाप्त होता है।
  • इस 41 दिनों के लंबे उपवास की अवधि में, भक्त धूम्रपान से परहेज करते हैं और शराब और मांस का सेवन नहीं करते हैं।
  • सभी तेलुगु उपासक पूरे व्रत काल में एक विशेष हनुमान दीक्षा माला और नारंगी धोती पहनते हैं। व्रत के दौरान नंगे पैर भी चलते हैं
  • भक्त प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए बंदरों को भोजन कराते हैं।
  • यह भी देखा जाता है कि लोग राम स्तोत्र का जाप करते हुए घी का दीया जलाते हैं।
  • हनुमान जी की पूजा की रस्म में मूर्ति के शरीर पर सिंदूर और तेल लगाना भी शामिल है।
  • भक्त गुलाब और गेंदा जैसे फूल चढ़ाते हैं। विभिन्न खाद्य पदार्थ जैसे लड्डू, हलवा, केला और अन्य मीठे पदार्थ भी हनुमानजी को चढ़ाए जाते हैं।