Dev Uthani Ekadashi 2022
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    -सीमा कुमारी

    भगवान विष्णु को समर्पित ‘पापमोचनी एकादशी’ (Papmochani Ekadashi) इस साल आज यानी 28 मार्च, दिन सोमवार को है। यह व्रत एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण और उत्तम व्रत है। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य से जाने अनजाने किए गए पापों को श्री विष्णु क्षमा प्रदान करतें हैं और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

    हर साल पापों को हरने वाली यह एकादशी चैत्र मास में आती है। दरअसल, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को ही ‘पापमोचनी एकादशी’ तिथि के नाम से जाना जाता है। आइए जानें पापमोचनी एकादशी का मुहूर्त, व्रत विधि, महत्व और कथा के बारे में-

    व्रत मुहूर्त

    • पापमोचनी एकादशी तिथि- 28 मार्च 2022 दिन सोमवार को पापमोचनी एकादशी व्रत पड़ रहा है।
    • एकादशी तिथि प्रारंभ- 27 मार्च 2022 दिन रविवार को शाम 6:00 बजे से एकादशी तिथि प्रारंभ होगी।
    • एकादशी तिथि समाप्त- 28 मार्च 2022 दिन सोमवार को दोपहर 3:55 पर एकादशी तिथि समाप्त हो जाएगी।

    पूजा-विधि

    पापमोचिनी एकादशी व्रत की पूजा विधि भी अन्य एकादशियों की तरह ही है। प्रात:काल स्नानादि नित्य कर्मो से निवृत होकर पूजा स्थान में पूर्वाभिमुख होकर आसन बिछाकर बैठें। भगवान विष्णु के सामने हाथ में अक्षत, सिक्का, पुष्प, पूजा की सुपारी लेकर एकादशी व्रत का संकल्प लें। यदि आप अपनी किसी विशेष कामना की पूर्ति के लिए यह व्रत रख रहे हैं तो उस कामना का मन ही मन उच्चारण करें।

    इसके बाद भगवान विष्णु की पंचोपचार पूजा करें और व्रत कथा सुनें। दिनभर निराहार रहें। फलाहार ले सकते हैं। अगले दिन व्रत का पारणा करते हुए ब्राह्मण दंपती को भोजन करवाकर यथाशक्ति दान-दक्षिणा देकर विदा करें और स्वयं भोजन करें। इस एकादशी व्रत में चारोली का फलाहार करने का विधान है।

    महत्व

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि पापमोचनी एकादशी व्रत करने से व्रती के समस्त प्रकार के पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत को करने से भक्तों को बड़े से बड़े यज्ञों के समान फल की प्राप्ति होती है। पापमोचिनी एकादशी का व्रत करने से सहस्त्र अर्थात् हजार गायों के दान का फल मिलता है। ब्रह्म ह्त्या, सुवर्ण चोरी, सुरापान और गुरुपत्नी गमन जैसे महापाप भी इस व्रत को करने से दूर हो जाते हैं। इस एकादशी तिथि का बड़ा ही धार्मिक महत्व है और पौराणिक शास्त्रों में इसका वर्णन मिलता है।