-सीमा कुमारी
इस साल सावन महीने की ‘विनायक चतुर्थी’ (Sawan Vinayak Chaturthi) का व्रत 1 अगस्त, सोमवार को रखा जाएगा। इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा और व्रत रखने से गणपति बप्पा की कृपा से भक्तों के संकट दूर होते हैं, जीवन से विघ्न बाधाएं हट जाती हैं, कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
सावन महीने में शिव परिवार की पूजा-अर्चना करने जीवन सुखमय होता है। आइए जानें सावन के विनायक चतुर्थी व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त आदि के बारे में –
शुभ-मुहूर्त
सावन की विनायक चतुर्थी तिथि आरंभ-
1 अगस्त 2022, सोमवार को प्रात: 4 बजकर 18 मिनट पर
सावन की विनायक चतुर्थी तिथि समाप्त-
2 अगस्त 2022, मंगलवार को प्रात: 5 बजकर 13 मिनट तक
गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त-
11.06 सुबह – 1.48 दोपहर (1 अगस्त 2022)
अभिजित मुहूर्त – 12.00 दोपहर – 12.54 दोपहर
उदयातिथि के आधार पर सावन का विनायक चतुर्थी का व्रत 1 अगस्त 2022को रखा जाएगा।
पूजा-विधि
- सावन विनायक चतुर्थी व्रत के दिन प्रातः काल उठकर दैनिक कार्य से निवृत होकर स्नान करें।
- अब पूजा स्थल पर भगवान गणेश का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- पूजा की चौकी पर चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं एवं उस पर गणपति की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- षोडोपचार से भगवान विघ्नहर्ता का पूजन करें, उन्हें रोली, मौली, जनेऊ, दूर्वा, पुष्प, पंचमेवा, पंचामृत, चावल, मोदक, मोतीचूर के लड्डू, नारियल अर्पित करें।
- भोग, धूप, दीप लगाकर गणेश चालीसा का पाठ या फिर गणेश जी के बीज मंत्र का 108 बार जाप करें।
- ‘विनायक चतुर्थी’ की कथा का श्रवण करें और गणेश जी की आरती कर प्रसाद सभी में बांट दें।
- विनायक चतुर्थी पर चंद्रमा देखना वर्जित है। मान्यता है कि इस दिन चंद्र दर्शन करने से जीवनभर के लिए झूठा कलंक लग जाता है।