क्या पितृपक्ष में खरीदारी करनी चाहिए या नहीं, जानें कुछ महत्वपूर्ण बातें

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    -सीमा कुमारी

    20 सितंबर से पितृपक्ष यानी श्राद्ध शुरू हो चुका है। श्राद्ध को लेकर ज्यादातर लोगों में धारणा बनी है कि इस समय में किसी तरह की नई चीज खरीदना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस समय हमारे पूर्वज धरती पर हमें आशीर्वाद देने के लिए आते हैं और ऐसे में नई चीजों को खरीदना अशुभ होता है। हालांकि शास्त्रों और ज्योतिष-शास्त्र में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि पितृपक्ष में कोई भी नई चीज खरीदना अशुभ होता है।

    कई लोगों को मानना है कि इस समय में कोई चीज खरीदते हैं तो पूर्वजों को समर्पित हो जाती है और ऐसा करने से हमारे पूर्वज नाराज हो जाते हैं। इस समय में सिर्फ श्राद्ध-कर्म करके उनकी सेवा करनी चाहिए। इन सभी चीजों को कोई आधार नहीं है।

    पितृपक्ष में नहीं होते हैं मांगलिक कार्य

    पितरों के समर्पित इन दिनों में हर दिन उनके लिए खाना निकाला जाता है। इसके साथ ही उनकी तिथि पर ब्राह्मणों को भोज कराया जाता है। इन 15 दिनों में कोई शुभ कार्य जैसे- गृह प्रवेश, कानछेदन, मुंडन, शादी, विवाह नहीं कराए जाते। इसके साथ ही इन दिनों में न कोई नया कपड़ा खरीदा जाता और न ही पहना जाता है। ‘पितृपक्ष’ में लोग अपने पितरों के तर्पण के लिए पिंडदान, हवन भी कराते हैं।

    ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, ‘पितृपक्ष’ में किसी भी तरह के बुरे कार्य को करने से बचना चाहिए। इस समय में किसी के बारे में भी बुरा सोचना और बोलना नहीं चाहिए। इस समय में पितर हमारे घर पर आते हैं और पूर्वजों की तिथि पर पितरों का तर्पण करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

    इस बार ‘पितृपक्ष’ में कई शुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में आप मांगलिक कार्य छोड़कर कोई भी नई चीज की खरीदारी कर सकते हैं। इस मुहूर्त में आप कुछ भी खरीद सकते हैं। ‘पितृपक्ष’ में कई तरह के ऑफिर मिलते हैं। इसलिए मन में बिना किसी अशंका के खरीददारी करें। क्योंकि, आपके पूर्वज नई चीजों को देखकर खुश होते हैं और श्राद्ध कर्म का काम पूरा हो जाता है। आपकी खुशी से पूर्वज भी खुश होते हैं और आपको जाते समय भी सुख- समृद्धि और ऐश्वर्य का आशीर्वाद देते हैं।