पडलकर ने विधान भवन परिसर में बजाया ढोल

  • कहा, सोई हुई सरकार को जगाने का प्रयास

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मुंबई. महाराष्ट्र विधान मंडल (Maharashtra Legislature) के शीतकालीन अधिवेशन (Winter session)  के पहले दिन सोमवार को विधान भवन परिसर में आंदोलनों की गूंज सुनाई देती रही। मराठा आरक्षण Maratha Reservation को लेकर जहां विपक्ष आक्रामक दिखा तो वहीं सपा ने कृषि कानूनों की खिलाफत की। धनगर आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर भाजपा के विधान परिषद सदस्य गोपीचंद पडलकर Gopichand Padalkar ने विधान भवन परिसर में पारंपरिक ढोल बजाया। उन्होंने 16 विभिन्न मांगों की तख्ती भी लगायी थी, जिसे पुलिस ने निकलवा दिया।

भाजपा विधायक पडलकर BJP MLA Padalkar ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार सोई हुई है, जिसे जगाने के लिए ढोल बजाया है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने उन्हें ढोल बजने से रोकने का प्रयास किया। 16 मांगों को लेकर हम तख्ती लेकर आए थे, जिसे पुलिस ने निकाल लिया।

भाजपा विधायक पडलकर ने इस बात पर जोर दिया कि महाविकास आघाड़ी सरकार गठित होने के बाद से धनगर समाज के आरक्षण को लेकर एक भी बैठक नहीं हुई है। पूर्ववर्ती फडणवीस सरकार ने आदिवासी व धनगरों के लिए जो आर्थिक मंजूरी दी थी,  उसमें से एक भी पैसा सरकार ने धनगर समाज को नहीं दिया है। विपक्ष में रहते हुए जो लोग सिर में पीला फीता, कंधे पर कंबल एवं हाथ में लाठी लेकर आंदोलन कर रहे थे। वही लोग  सत्ता में आने के बाद धनगर समाज का तिरस्कार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 47 हजार जमा करने के बाद धनगर समाज को 3 लाख रुपए की भेड मिलती थी। उस योजना को बंद कर दिया गया है। विश्वासघात कर बनी सरकार जनता की भावना से खेल रही है।  

पडलकर ने कांग्रेस एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पर भी जम कर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसानों की दलाली करने वाले खुद को किसानों का नेता बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार समस्याओं को जड़ से समाप्त करने का प्रयास कर रही है। लेकिन कांग्रेस एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की पॉलिसी है की समस्याएं बनी रहनी चाहिए। मोदी सरकार  ने धारा 370 को रद्द किया, तीन तलाक के लिए कानून बनाया, राम मंदिर निर्माण की शुरुआत की गयी।  उन्होंने आरोप लगाया कि खुद की दुकान बंद होने की डर से कांग्रेस एवं राकां आंदोलन कर रही है।