जिले में डेढ़ गुना बढ़ा किसमिस का उत्पादन

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अन्य शहरों की तुलना में नहीं बनी दर्जात्मक किसमिस

दाम कम मिलने से किसान परेशान

नाशिक. इस बार लाक डाउन के चलते जिले के अंगूर फसल का सबसे अधिक नुकसान हुआ है. अंगूर बर्बाद न हो इसलिए किसानों ने उसका उपयोग किसमिस बनाने के लिए किया. इसके चलते इस बार जिले में हर साल की तुलना में डेढ़ गुना अधिक उत्पादन हुआ है. परंतु इस किसमिस का दर्जा कोल्हापुर, सांगली क्षेत्र के किसमिस से कम होने से अपेक्षित दाम नहीं मिल रहे हैं. इसके चलते किसान परेशान हो गए हैं. नाशिक जिले से बड़े पैमाने पर अंगूरों का निर्यात होता है. इसलिए किसमिस उद्योग बढ़ नहीं पाया.

इस बार अंगूर बागान पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी कम दामों में अंगूर बेचने की नौबत आई. परिणामस्वरूप मुनाफा छोड़िए खर्च भी नहीं निकल पाया. पिंपलगांव बसवंत, दिंडोरी आदि परिसर के कुछ किसानों ने गट और किसमिस पर प्रक्रिया करने वाले व्यावसायिकों द्वारा किसमिस निर्मिति का प्रयोग किया गया. हर साल की तुलना में जिले में डेढ़ गुना अधिक किसमिस का उत्पादन होने की जानकारी किसमिस व्यावसायिक संजय पवार ने दी.

जिले में टेबल ग्रेप्स से बनाए जाने वाली किसमिस व कोल्हापुर-सोलापुर की विशेष किसमिस के दर्जे में अंतर होने से जिले के किसमिस को पर्याप्त दाम नहीं मिल पा रहे हैं. इस साल आए कोरोना संकट से अंगूर बिक्री से होने वाली करोड़ों की उलाढाल नहीं हो पाई. इस स्थिति से मार्ग निकालते हुए कई किसानों ने उत्पादन किया. अपेक्षित दाम न मिलने से किसानों को नुकसान हो रहा है.