थिएटर खोलने की मिले अनुमति

  • सिनेमा ओनर्स एसोसिएशन ने की सरकार से मांग

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नाशिक. केंद्र सरकार ने देशभर के सिनेमाघरों को खोलने की सशर्त अनुमति दी है. महाराष्ट्र में हालांकि अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. परिणामस्वरूप सिनेमा पर निर्भर सैकड़ों परिवार विलुप्त होने के कगार पर हैं. सिनेमा ओनर्स एसोसिएशन ने मांग की है कि सिनेमाघरों को सरकारी नियमों के अनुपालन में खोलने की अनुमति दी जाए. सिंगल स्क्रीन थिएटर कोविड अवधि के दौरान लुप्त होने के कगार पर हैं. सरकार की मदद के बिना थिएटर चलाना मुश्किल है. सिनेमा एक्ज़िबिटर्स ओनर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने राज्य सरकार से सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों की मदद करने की अपील की है. 

दिशा-निर्देशों का किया जाएगा पालन

केंद्र सरकार ने हाल ही में कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं. बिना मास्क पहने किसी को भी कार्यक्रम में जाने की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा, आयोजन स्थल पर केवल 50 प्रतिशत सीटों की अनुमति है. सरकार द्वारा जारी एसओपी को थिएटर प्रबंधन और कई संगठनों द्वारा अनुपालन किया जाना है. मनोरंजन कार्यक्रमों, सभागारों या सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए किसी भी खुली जगह को किराए पर देने वालों को भी एसओपी का पालन करना होगा. एसओपी ने कहा कि इवेंट टिकटों के लिए डिजिटल पद्धति को प्राथमिकता दी जाएगी. प्रतिबंधित क्षेत्र में किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं होगी.

ठोस निर्णय की आवश्यकता

एसोसिएशन के सचिव विनयकुमार चम्बल ने कहा कि अब तक, हम दर्शकों के लिए प्यार से थिएटर व्यवसाय कर रहे हैं. अंतहीन कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद, सरकार हमारी स्थिति पर विचार नहीं करती है. थिएटर स्पेस को बढ़ाने की भी अनुमति नहीं है. आज ऐसी स्थिति है, जहां खर्च अधिक है और आय कम है. यदि थियेटर व्यवसाय जीवित रहता है तो सरकार के कर में वृद्घि होती है. चूंकि हमें छूट नहीं मिलती है, तो  हम व्यापार कैसे करें. लाइसेंस नवीनीकरण की भी अनुमति नहीं है. सरकार की सिंगल स्क्रीन ’नीति समझ से परे है. उन्हें डर है कि अगर सरकार ने निकट भविष्य में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो यह कारोबार और अधिक प्रभावित होगा.

2 सिंगल स्क्रीन थिएटर में मेरे 30 कार्यकर्ता हैं. मार्च के बाद से व्यवसाय बंद होने के बावजूद उन्हें वेतन देना पड़ रहा है. मैं उन्हें जाने नहीं दे सकता. सरकार हमारे पक्ष में सोचने को तैयार नहीं है. केंद्र के नियमों के अनुसार, अन्य राज्यों की तरह महाराष्ट्र में थिएटर खोलने की अनुमति पर विचार किया जाना चाहिए.

-विनय कुमार चंबल, सचिव, सिनेमा ओनर्स एसोसिएशन