Monsoon wreaks havoc in Jharkhand, water entered houses and shops, life disrupted

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    ओमप्रकाश मिश्र

    रांची. झारखंड (Jharkhand)में पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश ने राज्य के लगभग सभी जिलों में कहर बरसा दिया है आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोगों के घरों, दुकानों में दो से तीन फीट तक पानी भर गए है राज्य के शहरी इलाको में वाहन पानी में डूब गए है। नदियां अपने पुरे ऊफान पर है। नदियों का पानी कई पुलों के ऊपर से बह रहा है जिलों के कई डैम के फाटकों को खोलना पड़ा इससे झारखंड के झरनों में पुरे वेग से भयावह के साथ पानी बहने लगा है। कई जगहों पर आम पीपल और बरगद जैसे पेड़ों के उखड़ जाने से यातायात ठप हो गया है।

    कई इलाकों में बिजली के तार टूट जाने से अँधेरा पसर गया है। बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड में कोनार नदी तट पर 22 करोड़ रूपये की लागत से बनाया गया इंटकवेल नदी की धारा में बह गया। मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि पश्चिम बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात के कारण राज्य में बादलों का निम्न दबाव बना हुआ है। इसलिए लगातार मुसलाधार बारिश हो रही है। अभी बारिश कल तक होने की संभवाना है।

    इधर झारखंड के जिलों में लोहरदगा जिले  के सेन्हा प्रखंड अंतर्गत सेरहंगतु और सीठियो गाँव के बीच स्थित कोयल नदी के लबालब भर जाने से पानी पुल के ऊपर से बह रहा है, इस कारण लोहरदगा-रांची मार्ग बाधित हो गया है। वहीं, सुबह से ही लोगों की भीड़ बाढ़ को देखने के लिए नदी के दोनों छोर पर जुटी हुई है। कुछ लोग लापरवाही बरतते हुए पुल भी पार करते देखे गए। जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा लोगों को नदी के पास से हटा कर पुल के दोनों छोर पर बैरेंकेटिंग की गई। शंख नदी भी पुरे ऊफान पर है। भारी बारिश के बीच देर रात पतरातू डैम के 4 और तेनुघाट डैम के 6 फाटक खोले गए हैं। कई जिलों में घरों में पानी घुस गया है। लातेहार जिले में मूसलाधार बारिश के कारण कई घर गिर गए है।

    इधर, जामताड़ा में कई मुख्य सड़कों पर बड़े-बड़े पेड़ गिर जाने की वजह से शनिवार को यातायत पूरी तरह से ठप्प हो गया है। पबिया क्षेत्र के फूलजोड़ी एनएच 419 पर पलाश का पेड़ गिर जाने की वजह से जामताड़ा-धनबाद मुख्य सड़क पर जाम की स्थिति बन गई। सुबह होते ही लोगों के सहयोग से पेड़  हटाया गया। वहीं, पबिया में आम का विशाल पेड़ गिर गया, जिससे बिजली के तार टूटकर जमीन पर गिर गए। आकाशीय बिजली गिरने से दुबे टोला में दो ट्रांसफार्मर भी जल गए, जिससे इस इलाके में अँधेरा पसर गया है।

    इधर हजारीबाग जिले में शहर का निचला इलाका दीपूगड़ा, बुंदेल नगर, पूरी तरह से डूब गया है। बुंदेल नगर के घरों में 3 फीट तक पानी घुस गया है। लोग घरों से निकलकर पड़ोसियों के घरों में शरण ले रहे हैं। वहीं, लोहसिंघना थाना में पानी घुसने से वहां रखे कई दस्तावेज भीग गए। थाना प्रभारी निशी कुमारी ने बताया कि पूरे थाना में लबालब पानी भर गया था। जेसीबी मंगवा कर नाला बनवाया गया ताकि थाना में घुसा पानी पास के तालाब में गिराया जा सके।

    वहीं, रांची स्थित पतरातू क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के बाद पतरातू डैम के जलस्तर में ऊफान आ गया है। इसे देखते हुए प्रशासन और प्रबंधन के लोगों ने डैम की सुरक्षा के मद्देनजर फिलहाल चार फाटक खोल दिया। तीनों फाटक से 3000 क्यूसेक पानी का बहाव कराया जा रहा है। उधर, रामगढ़ में बारिश के कारण लोग घरों में ही दुबके रहे। शहर के बाजारों में भी सन्नाटा रहा। लगातार बारिश के कारण खेतों में लबालब पानी भर आया है। जिले की कई नदियां ऊफान पर है। वहीं, ताल-तलैया में भी भरपूर पानी आ गया है। लगातार बारिश के कारण शहर की नालियां भी जाम हो गई है। कई मोहल्लों के घरों में भी पानी घुसने की खबर है। रजरप्पा स्थित भैरवी नदी भी ऊफान पर है। इधर, बोकारो स्थित तेनुघाट डैम के 6 गेट खोले गए हैं। छह फाटकों से 84,445 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।

    चक्रधरपुर के सोनुआ प्रखंड का पनसुआं डैम भी ऊफान पर है। पनसुआं डैम का जलस्तर 344 मीटर के ओवरफ्लो लेवल को पार गया है। इसके ओवरफ्लो द्वार से पानी बाहर आ रहा है। इधर इसी जिले के नदी ईचाकुटी-सोमरा गांव के बीच निर्माणाधीन पुल पर चढ़कर नदी की बाढ़ देखने के दौरान 4 बच्चे नीचे नदी में गिर गए। इसमें से एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया है। जबकि अन्य तीन बच्चों को हल्की चोटें लगी हैं।

    मूसलाधार बारिश के कारण शुक्रवार की देर रात सदर प्रखंड के डेमू पंचायत के हुंडरू गांव निवासी देवंती मसोमात का घर ध्वस्त हो गया। हालांकि, किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। देवंती मासोमत ने बताया कि घर ध्वस्त होने के कारण घर में रखे कई समान भी बर्बाद हो गए हैं। घर में लगाए गए एस्बेस्टस पूरी तरह टूट गए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। वहीं, लातेहार में भी नदियां ऊफान पर है। तो खेतों में पानी लबालब भरा हुआ है। कुआं, तालाब का जलस्तर बढ़ गया है। खेत में लगाए फसल भी बर्बाद हो गए हैं। लगातार बारिश के कारण जानवरों को चराने में भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

    धनबाद जिले में भी बारिश के कारण सभी तालाब और डैम लबालब भर गए हैं। धनबाद का रानीबांध तालाब भी भर गया है। तालाब के पास स्थित धैया रोड जलमग्न रहा। झारखंड और बंगाल की सीमा रेखा को विभाजित करने वाली बराकर नदी में भी ऊफान की स्थिति है। वहीं, खरसावां-कुचाई में सड़कों और नालियों का गंदा पानी दुकानों और घरों में घुसने से लोग परेशान दिखे। सड़कों पर जगह-जगह जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। लगातार हो रही बारिश से खरसावां चांदनी चौक, बेहरासाई, कुम्हारसाई सहित खरसावां, कुचाई, आमदा पानी-पानी हो गया है। लगातार बारिश ने आम जनजीवन को अस्तव्यस्त कर दिया है। राज्य और जिले के आपदा प्रबंधन तेज बारिश से उत्पन्न बिगड़े हालात पर काबू पाने की पुरजोर कोशिश में लगे है।