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प्रतिभा ने जलगांव के मूलजी जेठा कालेज से स्नातकोत्तर (एम ए) और मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कालेज से कानून की पढा़ई पूरी की थी। प्रतिभा को आजादी के 60  साल बाद भारत की पहली राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ।
प्रतिभा ने जलगांव के मूलजी जेठा कालेज से स्नातकोत्तर (एम ए) और मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कालेज से कानून की पढा़ई पूरी की थी। प्रतिभा को आजादी के 60 साल बाद भारत की पहली राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ।
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राष्ट्रपति बनने से पहले वह 2004 से लेकर 2007 तक राजस्थान की राज्यपाल थीं। प्रदेश में यह पद संभालने वाली वह पहली महिला थीं।
राष्ट्रपति बनने से पहले वह 2004 से लेकर 2007 तक राजस्थान की राज्यपाल थीं। प्रदेश में यह पद संभालने वाली वह पहली महिला थीं।
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प्रतिभा भारत की 12वीं राष्ट्रपति बनी। उन्होंने 25 जुलाई 2007 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। 7 जुलाई 1965 में उन्होंने डॉ. देवीसिंह रणसिंह शेखावत से शादी की। दंपती के एक बेटा और एक बेटी है।
प्रतिभा भारत की 12वीं राष्ट्रपति बनी। उन्होंने 25 जुलाई 2007 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। 7 जुलाई 1965 में उन्होंने डॉ. देवीसिंह रणसिंह शेखावत से शादी की। दंपती के एक बेटा और एक बेटी है।
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भारत की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को 1 जून 2019 को विदेशियों को दिए जाने वाले मेक्सिको के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डेन मेक्सिकाना डेल एग्वेला एज्टेका’ (ऑर्डर ऑफ एज्टेक ईगल) से सम्मानित किया गया।
भारत की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को 1 जून 2019 को विदेशियों को दिए जाने वाले मेक्सिको के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डेन मेक्सिकाना डेल एग्वेला एज्टेका’ (ऑर्डर ऑफ एज्टेक ईगल) से सम्मानित किया गया।
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प्रतिभा पाटिल यह पुरुस्कार पाने वाली भारत की दूसरी राष्टपति बनी। इससे पहले यह सम्मान राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन को दिया गया था।
प्रतिभा पाटिल यह पुरुस्कार पाने वाली भारत की दूसरी राष्टपति बनी। इससे पहले यह सम्मान राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन को दिया गया था।
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1962 में 27 साल की उम्र में प्रतिभा पाटिल जलगांव से विधायक निर्वाचित हुईं। प्रतिभा पहली बार जलगांव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ी और जीत हासिल की।
1962 में 27 साल की उम्र में प्रतिभा पाटिल जलगांव से विधायक निर्वाचित हुईं। प्रतिभा पहली बार जलगांव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ी और जीत हासिल की।
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इसके बाद 1967 से 1985 के बीच वह मुक्तेनगर से चाल बार विजयी हुईं।1985 में संसद में राज्यसभा सदस्य के रूप में उन्होंने साल 1985-90 तक अपनी सेवाएं दी। 1991 में 10वीं लोकसभा के लिए हुए आम चुनाव में वह अमरावती संसदीय क्षेत्र से चुनकर लोकसभा पहुंची। हालांकि, इसी दशक में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया।
इसके बाद 1967 से 1985 के बीच वह मुक्तेनगर से चाल बार विजयी हुईं।1985 में संसद में राज्यसभा सदस्य के रूप में उन्होंने साल 1985-90 तक अपनी सेवाएं दी। 1991 में 10वीं लोकसभा के लिए हुए आम चुनाव में वह अमरावती संसदीय क्षेत्र से चुनकर लोकसभा पहुंची। हालांकि, इसी दशक में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया।
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राष्ट्रपति रहते हुए पाटिल काफी विवादों में भी रहीं। एक सभा में उन्होंने कहा था कि, राजस्थान की महिलाओं को मुगलों से बचाने के लिए पर्दा प्रथा आरंभ की गई थी। इस बयान के बाद इतिहासकारों ने प्रतिभा का इतिहास ज्ञान शून्य बताया था। जबकि मुस्लिम लीग दलों ने इसका विरोध किया था।
राष्ट्रपति रहते हुए पाटिल काफी विवादों में भी रहीं। एक सभा में उन्होंने कहा था कि, राजस्थान की महिलाओं को मुगलों से बचाने के लिए पर्दा प्रथा आरंभ की गई थी। इस बयान के बाद इतिहासकारों ने प्रतिभा का इतिहास ज्ञान शून्य बताया था। जबकि मुस्लिम लीग दलों ने इसका विरोध किया था।
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प्रतिभा दूसरे विवाद में तब घिरी जब उन्होंने एक धार्मिक संगठन की सभा में अपने गुरू की आत्मा के साथ कथित संवाद की बात कही।
प्रतिभा दूसरे विवाद में तब घिरी जब उन्होंने एक धार्मिक संगठन की सभा में अपने गुरू की आत्मा के साथ कथित संवाद की बात कही।
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उन्होंने मौत की सजा पाए 35 लोगों की सजा को उम्रकैद में बदल दिया, जो की एक रिकॉर्ड है। लेकिन, राष्ट्रपति कार्यालय ने उनके इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय की सिफारिशों के बाद ही ये फैसले लिए।
उन्होंने मौत की सजा पाए 35 लोगों की सजा को उम्रकैद में बदल दिया, जो की एक रिकॉर्ड है। लेकिन, राष्ट्रपति कार्यालय ने उनके इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय की सिफारिशों के बाद ही ये फैसले लिए।
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उनके साथ एक और विवाद जुड़ा है और वह यह दूसरे राष्ट्रपतियों के मुकाबले वह सबसे ज्यादा विदेशी दौरों पर गईं। पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद वह जुलाई 2012 को देश के सबसे ऊंचे पद से रिटायर हो गईं।
उनके साथ एक और विवाद जुड़ा है और वह यह दूसरे राष्ट्रपतियों के मुकाबले वह सबसे ज्यादा विदेशी दौरों पर गईं। पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद वह जुलाई 2012 को देश के सबसे ऊंचे पद से रिटायर हो गईं।
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प्रतिभा पाटिल को विभिन्न श्रेणियों में इससे पहले भी कई भारतीयों को यह पुरस्कार दिया गया है, जिनमें नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन, प्रसिद्ध कलाकार सतीश गुजराल, उद्योगपति रघुपत सिंघानिया, मुंबई में मैक्सिको के महावाणिज्य दूत रज्जू श्रॉफ और अन्य शामिल।
प्रतिभा पाटिल को विभिन्न श्रेणियों में इससे पहले भी कई भारतीयों को यह पुरस्कार दिया गया है, जिनमें नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन, प्रसिद्ध कलाकार सतीश गुजराल, उद्योगपति रघुपत सिंघानिया, मुंबई में मैक्सिको के महावाणिज्य दूत रज्जू श्रॉफ और अन्य शामिल।