पुणे. देशभर में कोरोना महामारी (Corona Epidemic) का संकट गहराता जा रहा है, इसमें महाराष्ट्र (Maharashtra) सबसे ऊपर है। पुणे (Pune), मुंबई (Mumbai), नागपुर (Nagpur) समेत राज्य के 9 जिले देश में सबसे अधिक कोरोना मरीज (Corona Patients) वाले 10 जिलों में शामिल हैं। पुणे (Pune) में मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर जिले में दूसरे शहरों और जिलों की तरह पुनः लॉकडाउन (Lockdown) जारी करने को लेकर अफवाह और चर्चा शुरू है। एक चर्चा यह भी है कि क्रिकेट मैच के लिए भारत और इंग्लैंड की टीमें पुणे में रहने से मैच के बाद ही लॉकडाउन लागू किया जाएगा। इस मुद्दे पर पुणे के पालकमंत्री एवं राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मुंबई में बड़ा बयान दिया है।
लॉकडाउन लागू करने की चर्चा की ओर ध्यानाकर्षित करने पर पालकमंत्री अजीत पवार ने संवाददाताओं के साथ की गई बातचीत में कहा कि राज्य में पुनः सख्त लॉकडाउन लागू करने का फिलहाल कोई विचार नहीं है। हालांकि हालात बेकाबू होने की सूरत अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ही लेंगे। पुणे में कोरोना के हालातों पर नजरें रखे हुए हैं। स्थानीय अधिकारियों से रोजाना ब्यौरा लिया जा रहा है। इसके अलावा हर शुक्रवार को समीक्षा बैठक भी हो रही है। कल भी बैठक में समीक्षा की जाएगी और स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा की जाएगी।
लॉकडाउन लागू करने को लेकर मतभेद
पुणे में लॉकडाउन लागू करने को लेकर मतभेद हैं, हालांकि आम सहमति से नियमों और निर्बन्धों को कड़ा किया जा सकता है। कुल मिलाकर महामारी के बढ़ते मरीजों के मद्देनजर पुणे में पुनः सख्त लॉकडाउन होगा या फिर सख्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे? इसका फैसला कल (शुक्रवार) की समीक्षा बैठक में संभव है। बहरहाल अजीत पवार ने मुंबई में संवाददाताओं के साथ की गई बातचीत में यह भी कहा कि कोरोना के संक्रमण काल में पार्टी राजनीति को परे रख हमें इस सोच के साथ कोरोना से लड़ना होगा कि यह हम सभी पर आया हुआ एक बड़ा संकट है।
अब 45 से कम उम्र के लोगों को कोरोना हो रहा
45 वर्ष की आयु से अधिक वाले लोगो को टीका लगाने के हमारे अनुरोध को स्वीकार करने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद। मगर अब 45 से कम उम्र के लोगों को कोरोना हो रहा है। मेरे निवासस्थान देवगिरी में कई कर्मचारी रहते हैं। कल सभी की जांच की गई तो उनमें नौ लोग पॉजिटिव निकले। सरकार कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई के लिए हरसंभव कोशिश करते हुए वित्तीय सहायता को कम नहीं पड़ने देने की भूमिका में है।