सामान खरीदने दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ने लगी

Loading

  • फिर तार-तार हुए सोशल डिस्टन्टिंग के नियम

पिंपरी/पुणे. लॉकडाउन शिथिल करने के बाद से पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ में कोरोना महामारी के संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. पुणे में रोजाना करीबन हजार मरीज मिल रहे हैं. वहीं पिंपरी-चिंचवड में रोजाना 300 से 500 का आंकड़ा पार हो रहा है. 

इस पृष्ठभूमि पर पुणे, पिंपरी-चिंचवड़ समेत समूचे जिले में सोमवार की रात से 10 दिन तक कड़े लॉकडाउन की घोषणा की गई है. इसकी घोषणा के साथ ही शनिवार से ही बाजार में ग्राहकों की भीड़ जुटने लगी. रविवार को भी यही स्थिति रही. खाने-पीने के सामान की कमी न पड़ जाय, इसके चलते किराना दुकानों से लेकर वाइन शॉप तक हर दुकान में लोग बस टूट पड़े हैं.

शुक्रवार को की गई घोषणा

जिला प्रशासन ने शुक्रवार को नए से 10 दिन का लॉकडाउन घोषित किया है, जिसकी अमलबाजी सोमवार रात 12 बजे से शुरू होगी. इस लॉकडाउन में सब्जी, दूध और मेडिकल शॉप को छोड़कर सभी दुकानें पहले 5 दिनों तक बंद रहेंगी, ऐसा घोषित किया गया है. हालांकि इस बार पूर्व तैयारी के लिए 3 दिन मिले हैं, इसके बावजूद पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ में शुक्रवार से ही बाजारों में भारी भीड़ उमड़ने लगी. गत दिन किराना दुकानों में लंबी- लंबी कतारें देखने मिली. रविवार को भी यही स्थिति रही. लोगों को डर है कि भले ही लॉकडाउन की अवधि 10 दिनों की हो, लेकिन इसे और बढ़ाया जा सकता है. ग्राहकों का झुकाव अतिरिक्त किराना सामान खरीदने की ओर नजर आया तथा कइयों ने 2 महीनों तक चलने लायक राशन खरीदा.

लोगों ने खरीदा अतिरिक्त राशन

आम तौर पर बाजार की दुकानें सुबह दस बजे खुलती हैं. हालांकि आज इससे पहले ही दुकानों के सामने ग्राहकों की भीड़ थी. आम तौर पर नौकरीपेशा लोगों को हर महीने की एक से दस तारीख के बीच तनख्वाह मिलती है. इस वजह से महीने के शुरुआती दिनों में किराना माल की खरीदी की जाती है, लेकिन फिर से लॉकडाउन की घोषणा होने से लोग अतिरिक्त राशन और जीवनावश्यक वस्तुएं खरीदते हुए नजर आये. लोगों को यह लग रहा है कि यह लॉकडाउन 10 दिनों से अधिक समय तक चल सकता है. इससे पहले जब देशभर में लॉकडाउन घोषित हुआ था तब अनाज व जीवनावश्यक चीजों की दुकानें खुली थीं, लेकिन इस बार इन दुकानों को भी बंद रखने का आदेश होने से नागरिकों के मन में डर देखा जा रहा है. इसलिए ग्राहकों ने हर महीने की जाने वाली खरीदी की तुलना में अधिक सामान खरीदा.