-सीमा कुमारी
हम सब जानते हैं कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यहां सभी लोग अपनी इच्छा से किसी भी धर्म को मान सकता है, लेकिन धर्म की बात की जाय तो हिन्दू धर्म की कुछ अलग ही रीती -रिवाज़ है, जो अन्य धर्मों में नहीं देखने मिलती है, वो है सात्विक भोजन, सात्विक से हमारा तात्पर्य ऐसे भोजन से है, जिसमें लहुसन ,प्याज मांस ,मदीरा आदि ना हो,हिन्दू धर्म में तामसिक आहार किसी भी पूजा में वर्जित है, आप देखेंगे की अगर कोई हिन्दू महिला कोई व्रत करती है, तो ,वह लहुसन ,प्याज का सेवन नहीं करती है,आज हम जानेगे की व्रत में लहुसन ,प्याज का सेवन क्यों नहीं किया जाता है. नवरात्रि चल रही है, और इस दौरान व्रत उपास रखने के साथ-साथ लोग अपने घरों में लहसुन प्याज का इस्तेमाल बंद कर देते हैं. ये बात तो ठीक है. कि इस दौरान शराब या किसी भी तरह के नशे को हाथ नहीं लगाते, साथ ही किसी जीव की हत्या भी नहीं करते और इसीलिए चिकन-मटन आदि खाना बंद कर दिया जाता है. गेहूं, चावल, सूजी, बेसन, मकई का आटा, बाजरे का आटा या रागी आदि इन नौ दिनों के दौरान सख्त वर्जित हैं। गेहूं जैसे ग्लूटेन खाद्य पदार्थों से दूर रह कर आप एलर्जी पैदा करने वाले प्रोटीन से बचे रह सकते हैं.
- मछली और धूम्रपान- नवरात्रि के उपवास के दौरान मांसाहारी भोजन, अंडे, शराब और धूम्रपान करना वर्जित माना जाता है, यह राजसिक श्रेणी का भोजन है, आयुर्वेद के अनुसार मौसम में आ रहे बदलाव को देखते हुए इन चीजों को नहीं खाना चाहिये, इससे शरीर में गर्मी भी बढ़ती है.
- पवित्र रसोईघर में प्याज-लहसुन का प्रयोग करने से वह अपवित्र मानी जाती है, ये परमात्मा के नेवैद्य में पूर्णत: निषिद्ध हैं, धार्मिक अनुष्ठान-व्रत वैकल्य आदि मौकों पर भोजन में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल नहीं किया जाता, ये सभी बातें औषधि उपयोग के अलावा निषेधात्मक संकेत देने वाली हैं.
- सात्विक सब्जियों को मुख्य रूप से व्रत के दौरान सेवन करने की सलाह दी जाती है, आलू, गाजर, शकरकंद, कच्चा केला, आदि जैसी सब्जियां स्वाद में भी जायकेदार होती हैं, और व्रत के दिनों में शरीर को तुरंत एनर्जी भी देती हैं, इन्हें खाने से शरीर सारा दिन हाइड्रेट रहता है, नवरात्रि के दौरान प्याज और लहसुन से सख्ती से बचा जाना चाहिए क्योंकि ये तामसिक भोजन में शामिल होते हैं, जबकि कुछ लोग इन व्रत के दौरान टमाटर का सेवन करने से भी बचते हैं.
- इंडियन कुजीन में भारी मात्रा में सोडियम कंटेन्ट पाया जाता है, जिसे खाने से हाई बीपी और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है, इन नौ दिनों में सेंधा नमक का ज्यादा उपयोग किया जाता है, क्योंकि इसे शुद्ध माना जाता है, इसमें सोडियम की मात्रा भी कम होती है.