केजरीवाल की गिरफ्तारी से विपक्ष को झटका

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आखिर ईडी (ED) ने अपने 9 समन की लगातार अनदेखी करनेवाले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को गिरफ्तार कर लिया।  पहली बार किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जाना सचमुच सनसनीकेज है।  चुनाव के मौके पर उठाए गए इस कदम से आम आदमी पार्टी ही नहीं, विपक्ष में भी रोष देखा जा रहा है।  केजरीवाल को पहलेही आशंका थी कि पूछताछ के लिए बुलाकर ईडी उन्हें गिरफ्तार कर सकती है इसलिए वे उसके समन को कभी गैरकानूनी तो कभी राजनीति से प्रेरित कह कर विरोध जताते रहे। 

केजरीवाल दिल्ली हाईकोर्ट इसलिए पहुंचे ताकि ईडी द्वारा बार बार उन्हें सम्मन भेजने की प्रक्रिया को कोर्ट से बंद कराएं।  इस पर अदालत ने उन्हें झाड़ लगायी कि वह आखिर सम्मन पर ईडी के सामने पेश क्यों नहीं हो रहे? मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तारी से बचने का कोई संरक्षण या अग्रिम जमानत भी नहीं दी गई।  वास्तव में यह ईडी के लिए एक तरह से सिग्नल था, इसीलिए उसने अब तक की परंपरा को तोड़ते हुए पहली बार किसी पद पर मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया।  यह बात आम आदमी पार्टी भी जान गई थी कि मनीष सिसौदिया और संजय सिंह के बाद अब केजरीवाल को भी शराब घोटाले के चलते जेल जाना पड़ सकता है।  इसीलिए मुख्यमंत्री आवास पर और आवास के आसपास आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं की अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई थी। 

अब तक 17 नेता पकड़े

ईडी भी इस बात को भांप चुकी थी, इसीलिए उसने मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार करने के पहले इतना चाकचैबंद माहौल बना दिया कि चाहकर भी आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता उसकी कारवाई में किसी तरह की बाधा नहीं डाल सके।  11 साल के भीतर आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल 17वें ऐसे नेता थे, जिन्हें गिरफ्तार किया गया।  सत्येंद्र जैन जो हवाला मामले में अभी तक जेल में हैं, उसके अलावा अमानउल्लाह खान, सोमनाथ भारती, संदीप कुमार, नरेश यादव, दिनेश मोहनिया, जगदीप सिंह, सुरिंदर सिंह, प्रकाश जरवाल जैसे दूसरे आम आदमी पार्टी के नेता भी गिरफ्तार होकर जेल जा चुके हैं।  इसलिए ईडी बहुत तैयारी करके केजरीवाल को गिरफ्तार करने पहुंची थी। 

इस दौरान उनके घर के बाहर आम आदमी कार्यकर्ता हंगामा खड़ा करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इतनी ज्यादा फोर्स थी कि चाहकर भी आप कार्यकर्ता अपने मकसद में सफल नहीं हो पा रहे थे।  मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास से सबूत के तौर पर कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और दस्तावेजों को जब्त करके रात करीब 12 बजे उन्हें लॉकअप में बंद कर दिया।  केजरीवाल की ये गिरफ्तारी 2873 करोड़ रुपये के तथाकथित शराब घोटाले के सिलसिले में हुई है। 

100 करोड़ रु. रिश्वत लेने का आरोप

माना जा रहा है कि शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाकर आम आदमी ने 100 करोड़ रुपये की घूस ली है, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी का शुरू से अभी तक यही कहना है कि ईडी के पास कोई ऐसे सबूत नहीं है, अभी तक ईडी इस तथाकथित घोटाले का एक रुपया भी बरामद कर सकी है और न ही ऐसा कोई सबूत पेश कर सकी है जिससे घोटाला साबित हो।  ईडी ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि सरकारी कंपनियों से लेकर आखिर शराब वितरण का ठेका प्राइवेट कंपनियों को क्यों दिया गया? इस सवाल का मुख्यमंत्री केजरीवाल के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं है। 

ईडी के और भी सवाल हैं जैसे कि जब होलसेलरों के लिए 5 फीसदी का कमीशन तय था, तो इसे बढ़ाकर 12 फीसदी क्यों किया गया और जब एक अधिकारी ने इसका विरोध किया तो उसे हटा क्यों दिया गया? ईडी ने यह भी पूछा है कि क्या उन्होंने समीर महेंद्रू से विजय नायर को माई ब्वॉय कहकर पैसा देने की बात कही थी? रिटेलर के लिए आखिर 185 फीसदी कमीशन कैसे कर दिया गया? क्या आपको इस सबकी जानकारी थी? साथ ही ईडी ने यह भी पूछा है कि समूची आबकारी योजना की नीति किसने तैयार की थी, क्या इस संबंध में आपको कुछ पता था या बिल्कुल नहीं पता था? कहने का मतलब यह है कि अगर वाकई कोई घपला, घोटाला नहीं हुआ है तो फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री ईडी के इन सवालों का जवाब क्यों नहीं दे पा रहे? – विजय कपूर