कम वोटिंग की बड़ी वजह, युवा मतदाता चुनाव से विमुख

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यह कहना कोई मायने नहीं रखता कि गर्मी की वजह से लोकसभा (Lok Sabha Elections 2024) के पहले चरण का मतदान (First phase voting) कम हुआ। जिन्हें वोट देना होता है वे मतदान करने जरूर जाते हैं। दोपहर की बात अलग है लेकिन सुबह तो गर्मी नहीं रहती। मतदाता ठान ले तो 7 से 11 बजे के बीच मजे से वोट डाल सकता है। मतदान कम होने के अनेक कारण हैं जो अगले चरणों में भी असर कर सकते हैं।

पहली बात यह कि मतदाता सूची दोषपूर्ण है। उसमें कितने ही नाम नदारत हैं। किसी का नाम सही है तो तस्वीर दूसरे की छपी है। अनेक मतदाताओं का पता भी गलत दर्ज है। मतदान केंद्र जाने पर वहां सूची में नाम ही नहीं मिलता जबकि पिछली बार वहीं मतदान किया गया था। सबसे बड़ी बात यह है कि नए युवा मतदाता मतदान के प्रति उत्सुक नहीं दिखाई दे रहे। कुछ तो अपनी पढ़ाई या नौकरी की वजह से दूसरे शहर में हैं तो कुछ को लोकतंत्र और चुनाव का महत्व ध्यान में नहीं आ रहा है। कुछ तो इसे छुट्टी और मौज-मजे का दिन मान लेते है।

राजनीतिक दलों को चाहिए कि युवाओं में मतदान के प्रति जागृति पैदा करें। शहरों में बड़ी तादाद में ऐसे लोग मिल जाएंगे जो अन्य राज्यों से यहां पैसा कमाने आए हैं। मजदूर, रसोइया या चौकीदार का काम करनेवाले इन लोगों का नाम अपने गांव की वोटर लिस्ट में है। उन्हें यहां की वोटर लिस्ट में शामिल करने का प्रयास नहीं किया गया। कितने ही कारणों से मतदान का प्रतिशत कम रहा। पार्टियों की ओर से ठोस प्रयास किए जाएं तो यह प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है।