17 laborers dead due to crane collapse, fear of death

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क्या समृद्धि महामार्ग लोगों की जान लेने के लिए है? पिछले 6 माह में इस पर हुई दुर्घटनाओं में 88 लोगों की जान गई है जिनमें से 25 लोगों की मौत पिछले महीने एक निजी बस के डिवाइडर से टकराने के कारण उसमें लगी आग से हुई. मौत का खौफनाक मंजर लगातार जारी है. अब ठाणे जिले में समृद्धि एक्सप्रेस वे निर्माण के तीसरे चरण के दौरान पुल के स्लैब पर क्रेन गिर जाने से 17 श्रमिकों की मौत हो गई व 3 घायल हो गए. यह क्रेन मोबाइल गैन्ट्री कहलाती है जिससे प्रिफैब्रिकेटेड बाक्स टाइप पुल के गर्डर लगाने का का्म लिया जाता है. जरूर कोई असावधानी हुई होगी तभी तो क्रेन असंतुलित होकर स्लैब पर जा गिरी. लोगों में चर्चा है कि क्या समृद्धि महामार्ग अभिशप्त है? क्यों हो रही हैं इतनी दुर्घटनाएं और क्यों इतने लोग मारे जा रहे हैं? शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद संजय राऊत ने कहा कि इसके पीछे उन किसानों का शाप है जिनकी उपजाऊ जमीनें  इस महामार्ग के लिए अधिग्रहीत की गई थीं. पिछले दिनों इस महामार्ग को निरापद करने के उद्देश्य से कुछ लोगों ने पूजापाठ और महामृत्युंजय का जप किया था लेकिन उसे अंधश्रद्धा बताकर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया. क्या संकट टालने के लिए ईश्वर की प्रार्थना करना गुनाह है? महामार्ग पर एक के बाद एक जितने हादसे हो रहे हैं क्या वैसे अन्य महामार्गों पर भी होते हैं? इसके वैज्ञानिक कारण खोजे जा रहे हैं जैसे कि लगातार एक जैसी लंबी सड़क देखते रहने से वाहन चालक को सम्मोहन होना. सड़क सम्मोहन या रोड हिप्नोसिस में ड्राइवर की आंख तो खुली रहती है लेकिन उसका दिमाग क्रियाशील नहीं रहता. उसे याद नहीं रहता कि उस क्षण ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से हादसा हुआ. कुछ अन्य कारण यह तलाश गए हैं कि लगातार गाड़ी चलाने से टायर गर्म होकर फूट जाते हैं. इसलिए बीच-बीच में रुकने का परामर्श दिया गया है. यह भी कहा गया है कि टायर ठंडे रखने के उद्देश्य से मार्ग में कुछ स्थानों पर पानी डाला जाए. कुछ का कहना है कि रास्ते में वृक्ष इत्यादि नहीं है और एक समान मार्ग होने से चालक को विविधता नहीं दिखाई देती. सम्मोहन की यह भी एक वजह है. टायर बर्स्ट न हो इसके लिए ऐसे वाहनों को समृद्धि महामार्ग पर जाने से रोक दिया जाता है जिनके टायर घिसे हुए हों. इन सभी बातों के बावजूद कोई न कोई हादसा होते रहना लोगों के दिमाग में शंका पैदा करता है कि यह मार्ग निरापद है भी या नहीं!