खालिस्तान समर्थकों की करतूत, अमेरिका में भारतीय राजदूत से धक्कामुक्की

Loading

चिंता की बात है कि प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़े अलगाववादियों ने अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू के साथ बदसलूकी और धक्कामुक्की की. यह घटना न्यूयार्क के हिक्सविले गुरूद्वारे में हुई जो कि सर्वथा अशोभनीय है. इन अलगाववादियों ने राजदूत को घेरने की कोशिश की. ये तत्व हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में हत्या और गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के प्रयासों से आक्रोशित थे और राजदूत संधु से जवाब मांग रहे थे.

भारत सरकार पहले ही कनाडा के आरोपों को बेबुनियाद बता चुकी है. पन्नू की हत्या की कोशिश के मुद्दे पर अमेरिका ने भारत को चेतावनी दी थी लेकिन भारत ने इस पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की थी. वास्तव में विदेशी धरती से भारत को जानबूझकर झूठे आरोप लगाकर बदनाम करने की साजिश की जा रही है. यहां पहले ही जम्मू-कश्मीर में फिर से जोर पकड़ रही आतंकी घटनाओं से चिंता बढ़ी हुई है जिनमें सेना के अफसर और जवान शहीद हुए हैं.

ऊपर से विदेशी प्रोत्साहन पाकर खालिस्तान समर्थक अलगाववादी जानबूझकर भारत के खिलाफ माहौल बनाने में लगे हैं. राजदूत संधू के साथ बदसलूकी अब हुई लेकिन इसके पहले भारत के दूतावास पर हमला भी हो चुका है. इसी वर्ष मार्च और जुलाई में खालिस्तान समर्थकों ने सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया था. बाद में भारत और अमेरिकी सरकार ने घटना की निंदा की थी और हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी.

राजदूत संधू के साथ धक्कामुक्की की खबरों पर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि भारतीय राजदूत के पिता तेजा सिंह समुंदरी ने आजादी से पहले गुरुद्वारे के लिए चाबी वाला मोर्चा लड़ाई लड़ी थी. उनके साथ इस तरह की बदसलूकी बिल्कुल भी उचित नहीं है जिसकी वह निंदा करते हैं खालिस्तानी अलगाववादियों के पीछे उन विदेशी ताकतों का हाथ है जो भारत को ताकतवर होते नहीं देखना चाहते. पाकिस्तान बांग्लादेश अलग हो जाने का बदला पंजाब को अलग करके लेना चाहता है जिसके लिए खालिस्तानियों को इस्तेमाल कर रहा है.

खालिस्तानी पश्चिमी पंजाब तो पहले पाकिस्तान से छीन कर दिखाएं जिस पर 1947 के विभाजन के समय पाकिस्तान ने कब्जा कर लिया था. कनाडा सरकार में खालिस्तान समर्थक तत्व शामिल हैं. यहां तक कि कनाडा में उम्मीदवारी भी उसे दी जाती है जिसके नाम की सिफारिश खालिस्तानी करते हैं. विदेश में रची जा रही इस साजिश के प्रति भारत को अत्यंत सतर्क रहना होगा. हमारे राजदूत का अपमान देश बर्दाश्त नहीं कर सकता.