editorial bharat jodo yatra congress 5 kms everyday Ongoing, condition of Congressmen of Maharashtra is bad

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    कभी कांग्रेसजनों को काफी पैदल चलने का अभ्यास था क्योंकि तब वे जमीन से जुड़े थे और शहरों व ग्रामीण इलाकों में जाकर लोगों से सहजता से मिलते-जुलते थे. महात्मा गांधी की दांडी यात्रा भी ऐसी ही थी. समय बदला और कांग्रेस नेताओं ने कार से सीधे सभा के मंच तक जाने की आदत डाल ली. पैरों को कष्ट देना बंद कर दिया. जब अभ्यास छूट जाए और रईसी दिमाग पर चढ़ जाए तो आधा किलोमीटर चलना भी मुश्किल हो जाता है.

    कितने ही नेता मंत्री व मुख्यमंत्री पद पर रहे तो सिक्योरिटी प्रोटोकॉल की वजह से उनका पैदल चलना रुक गया! मन में आया तो बंगले के लॉन में चहलकदमी की, नहीं तो वह भी नहीं! ऐसे माहौल में महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं के लिए चुनौती खड़ी हो गई है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा सोमवार को नांदेड पहुंच रही है. जिसमें राज्य के वरिष्ठ नेताओं को राहुल के साथ कदम से कदम मिलाकर लंबी दूरी तय करनी होगी. जो नेता हमेशा कार या हेलीकाप्टर में सफर करते हैं और वर्षों पहले पैदल चलने का अभ्यास छोड़ चुके हैं उनके लिए तो सचमुच बड़ी मुश्किल है.

    ये नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से कन्नी भी नहीं काट सकते क्योंकि ऐसा करना पार्टी हाईकमांड को नाराज करना होगा. उनमें इतनी फिटनेस भी नहीं है कि लंबी दूरी तक पैदल चल सकें. ऐसी हालत में उनके सामने पसोपेश की स्थिति है. कोई विकल्प नहीं होने की हालत में महाराष्ट्र के कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ कदमताल करने के लिए स्वयं को तैयार करने के उद्देश्य से रोज 5 किलोमीटर तेज चाल से चलने का अभ्यास और कसरत करने में जुटे हैं.

    राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने बताया कि वे तथा अन्य नेता यात्रा के लिए खुद को तंदुरुस्त व तैयार करने में लगे हैं ताकि राहुल गांधी के साथ तेज कदमों से चल सकें. उन्होंने कहा कि नांदेड के लोग भारत जोड़ो यात्रा में भाग लेने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख होने के नाते राहुल गांधी के साथ यात्रा के इस चरण में पूरे 382 किलोमीटर चलना उनका कर्तव्य है. नेताओं के बयान अपनी जगह हैं लेकिन जिसका पैदल चलने का अभ्यास पूरी तरह छूट चुका है, उसकी हालत तो इस यात्रा में पतली हो जाएगी और कुछ किलोमीटर चल पाना भी दूभर हो जाएगा.

    एक समय पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने भी पदयात्रा निकाली थी लेकिन वे खुद शाम तक इतना थक जाते थे कि रात में पैरों की मालिश करवाते थे और लोगों से बात तक नहीं कर पाते थे. राहुल गांधी ने अपना एनर्जी लेवल सिद्ध कर दिया है लेकिन महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं के लिए पदयात्रा में चल पाना किसी बड़े चैलेंज से कम नहीं है.