जानें- अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाने के पिछले क्याज है मकसद

हर साल भारत में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस (Minorities Rights Day) 18 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिवस भारत में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (National Commission for Minorities) के जरिए मनाया जाता है।

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Minorities Rights Day 2020: भारत में 18 दिसंबर को 1992 से अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा अल्पसंख्यक अधिकार दिवस की घोषणा हुई थी। इस दिवस को मनाने का महत्व भारत में अल्पसंख्यकों के सामने आने वाले मुद्दों को समझने और उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी घोषणा के साथ अल्पसंख्यकों की सांस्कृतिक, धार्मिक भाषाई और राष्ट्रीय पहचान को सबके सामने रखा है। संयुक्त राष्ट्र ने राज्य सरकार द्वारा व्यक्तिगत क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों को सम्मानित और संरक्षित किया जाए। 

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के तहत पांच धार्मिक समुदायों को अल्पसंख्यक समुदायों के रूप में अधिसूचित किया गया है। जिनमें मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी जैसे अल्पसंख्यक समुदाय आते हैं। कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, मणिपुर, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे भारत के विभिन्न राज्यों में अल्पसंख्यक आयोगों की स्थापना की गई है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का ऑफिस राज्यों की राजधानी में स्थित है। राज्य आयोग द्वारा राज्य विधान सभाओं में लागू किए अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा और संरक्षण करना है। यही वजह है कि अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 18 दिसंबर को मनाया जाता है। जिसके जरिए भारत के अल्पसंख्यकों की तरफ ध्यान केंद्रित किया जा सके और लोगों को शिक्षित किया जा सके।