सुनहरे सपनों का सुंदर प्रवाह, अजीत की CM बनने की चाह

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, एक जमाने में ड्रीमगर्ल, सपनों का सौदागर, तेरे मेरे सपने नामक फिल्में आया करती थीं। फिल्मी गीतों के मुखड़े रहा करते थे- मैं प्रेम में सब कुछ हार गई, बेदर्द जमाना जीत गया, मेरा सुंदर सपना बीत गया! सपने सुहाने लड़कपन के, मेरे नैनों में डोलें बहार बन के! मेरे सपने में आना रे सजना! सच हुए सपने मेरे झूम रे ओ मन मेरे! देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए! रात ने क्या क्या ख्वाब दिखाए, रंग भरे सौ जाल बिछाए आंखें खुलीं तो सपने टूटे, रह गए गम के काले साये! मैं तो इक ख्वाब हूं इस ख्वाब से तू प्यार न कर!’’

हमने कहा, ‘‘आप आज सपनों की चर्चा क्यों कर रहे हैं? सपनों की आभासी दुनिया छोड़कर कर हकीकत की खुरदुरी जमीन पर आइए और बताइए कि मामला क्या है?’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज राकां सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि उनके भतीजे अजीत पवार का सीएम बनने का सपना एक सपना ही बनकर रह जाएगा। यह ऐसा सपना है जो कभी पूरा नहीं होगा।’’

हमने कहा, ‘‘स्वयं कई बार सीएम रह चुके शरद पवार अपने भतीजे के सपने में क्यों खलल डाल रहे हैं। सपनों का संसार बहुत मोहक होता है। राजा हो या रंक, अमीर हो या गरीब सभी सपने देखते हैं। जो लोग विदेश यात्रा कर आए हैं वे लंदन, न्यूयार्क और वाशिंगटन के सपने देखते हैं। संविधान के मूलाधिकार में सपना देखने की आजादी का समावेश कर देना चाहिए। सटोरिए सपने में सट्टे का नंबर देखते हैं। पार्टी का अदना कार्यकर्ता नेता बनने का सपना देखता है। सपनों की कोई सीमा नहीं है।

शरद पवार को समझना चाहिए कि सपनों पर कानूनी बंदिश नहीं लगाई जा सकती। सपनों का मनस्थिति पर प्रभाव पड़ता है। राजा जनक ने याज्ञवल्क से कहा कि मैंने रात्रि में स्वप्न देखा कि मैं शिकार खेलने जंगल जा रहा हूं। वहां मेरा घोड़ा भटक गया। मुझे बहुत प्यास लगी थी लेकिन आसपास पानी नहीं था। घने जंगल में रास्ता नहीं सूझ रहा था। ऐसा सपना देखने के बाद से मेरा चित्त अत्यंत अशांत है। याज्ञवल्क ने कहा, राजन न तो यह सपना सत्य है और न यह संसार सत्य है। हर व्यक्ति मायाजाल में फंसा हुआ है। इसलिए सपने को भूल जाओ और अपना कर्म करो।’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज सपने को लेकर जॉन एफ केनेडी ने कहा था- थिंक बिग, ड्रीम बिग, एक्ट बिग! अर्थात बड़ी बाते सोचो, बड़े सपने देखो और बड़ा काम करो। इसी तरह पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी कहा था कि तुच्छ या छोटे सपने देखना पाप है इसलिए कई मर्तबा उपमुख्यमंत्री रह चुके अजीत पवार यदि सीएम बनने का सपना देख रहे हैं तो उसमें क्या गलत है!’’