नाम या आवाज के लिए बिग बी की मंजूरी जरूरी, वैसे भी ‘बादशाह’ का नाम बिना इजाजत कैसे लिया जा सकता है

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, बॉलीवुड के महानायक या लीजेंड कहलानेवाले अमिताभ बच्चन ने एक ऐसी अदालती लड़ाई जीती है जिसका फायदा सिर्फ उन्हें ही नहीं, बल्कि फिल्मोद्योग, खेल जगत व अन्य क्षेत्रों की नामचीन हस्तियों को होगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने बिग बी के नाम, आवाज और उनकी छवि को किसी भी प्रकार से उनकी अनुमति के बगैर इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है.’’

    हमने कहा, ‘‘वैसे भी ‘बादशाह’ का नाम बिना इजाजत कैसे लिया जा सकता है? अमिताभ बच्चन की हैसियत ऐसी ही है. उन्होंने ‘लाल बादशाह’ फिल्म में अभिनय किया था. फिल्म ‘खुदा गवाह’ में उनका नाम खान बादशाह रहता है. उस फिल्म में श्रीदेवी गाती है- तू आजा मेरे बादशाह, एक वादे के लिए एक वादा तोड़के! बच्चन को आप ‘शहंशाह’ भी कह सकते है. इस नाम की फिल्म में उन्होंने बढि़या काम किया था.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, अदालत ने इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय व दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आदेश दिया है कि वे बिग बी से जुड़े इस तरह के कंटेंट को फौरन हटा दें जिसे उनकी अनुमति के बगैर चलाया जा रहा है. कई लोग प्रसिद्ध अभिनेता की लोकप्रियता व स्टेटस का इस्तेमाल अपने प्रोडक्ट या व्यापार का प्रचार करने के लिए करते हैं. उनकी आवाज, चेहरे या हमशक्ल को इस्तेमाल किया जाता है अथवा एनिमेशन या मिमिक्री में उनके जैसा दिखनेवाला किरदार पेश किया जाता है. इस तरह के बिना इजाजत चलाए जा रहे व्यावसायिक हथकंडे के खिलाफ अमिताभ बच्चन ने लड़ने की ठानी और अपने व्यक्तिगत अधिकारों की सुरक्षा के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया था.

    इसमें उनके वकील हरीश साल्वे को सफलता मिली. व्यक्तित्व के अधिकार या पर्सनालिटी राइट्स पर दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले की पूर्व क्रिकेट कप्तान सुनील गावस्कर ने सराहना की है. क्रिकेट के नामी खिलाड़ियों से पूछे बिना उनके मैचों की हाईलाइट फिल्मों में इस्तेमाल कर ली जाती है. एक बैट निर्माता ने तो अपनी बैट पर सुनील गावस्कर के नाम की स्पेलिंग बदलकर जाली दस्तखत किए थे और ऐसी बैट बेचकर पैसे कमाए थे. अमिताभ के बारे में हुआ फैसला बाकी प्रसिद्ध हस्तियों के लिए मिसाल बनेगा.